मध्य प्रदेश

जटाशंकर, मोनासैय्या और भीमकुंड में धर्म- अध्यात्म के साथ पर्यटन का भी मिलेगा लुत्फ

Admin Delhi 1
2 July 2023 5:13 AM GMT
जटाशंकर, मोनासैय्या और भीमकुंड में धर्म- अध्यात्म के साथ पर्यटन का भी मिलेगा लुत्फ
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भोपाल न्यूज़: बुंदेलखंड में बारिश ने एक बार फिर से यहां के जाग्रत धार्मिक स्थलों का नैसर्गिक सौंदर्य फिर से लौटा दिया है. प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र जटाशंकर की वादियों हरियाली से न सिर्फ खिल उठी हैं, बल्कि प्रकृति ने भी ऐसा श्रृंगार किया है कि यहां मन को रोमांचित करने वाले नजारे दिखने लगे हैं. अर्से बाद नेचुरल फॉल्स चारों तरफ निकल आए हैं. हरियाली ने सूखे और मुरझाए जंगलों को इस तरह सजाया है मानो जैसे किसी दूसरी दुनिया में ही आ गए हों. प्रकृति का यह नजारा देखने के लिए लोग अब बड़ी संख्या में परिवार सहित पहुंच रहे हैं. इसी तरह जटाशंकर धाम के पास स्थित प्रसिद्ध मौना सैय्या की गुफाओं और इस पूरे क्षेत्र के जंगल लोगों के लिए पर्यटन का रोमांच देने जैसे हो गए हैं. शहरी क्षेत्र से सटे इन धार्मिक स्थलों पर सावन माह में जाना लोगों के लिए पूजा, अभिषेक और धर्म-अध्यात्म के साथ यह स्थल पर्यटन का रोमांच देने का भी काम कर रहे हैं. ऐसे में अब लोगों की भीड़ इन इलाकों की ओर पहुंचने लगी है.

जिला मुख्यालय छतरपुर से 52 किमी की दूरी पर स्थित है प्रसिद्ध शिवधाम जटाशंकर. यहां पर तीन रहस्मय कुंड और झरनों के साथ प्राचीन शिवलिंग लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र है. इसके अलावा यहां पर पहाड़ी, झरने, मंदिरों के साथ पूरा जंगली क्षेत्र लोगों के लिए एक मुफीद पर्यटन स्थल से कम नहीं है. इस स्थल पर जाने के लिए यात्री बस से लेकर टैक्सी, कार है. नेशनल हाइवे 86 से जुड़ा यह धार्मिक और पर्यटन केंद्र अपने आप में इसलिए अनूठा है क्योंकि हर महीने की अमावस्या पर यहां एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने और भगवान शिव को जल अर्पित करने पहुंचते हैं. सीढिय़ों से मंदिर तक पहुंचना अपने आपमें में रोमांचकारी है. इसके अलावा सडक़ मार्ग से जाने के लिए गौराई घाटी के रास्ते रोमांचित करने वाले नजारे, हरियाली, जंगल और नेचुरल फॉल्स को देखते हुए भी यहां तक पहुंचा जा सकता है. कई प्रकार के मंदिरों, कुंड के अलावा बड़ा झरना भी लोगों को सुखद अहसास कराते हुए सफर की थकान को मिटा देता है. यहां पर गौमुख से सालभर पानी का झरना निकलता रहता है. बारिश के दिनों में यह बड़े जल प्रपात का रूप ले लेता है.

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