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बाघ का संरक्षण देखने के लिए, केरवा, कलियासोत पहुंची टीम
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भोपाल न्यूज़: नेशनल पार्क कन्जरवेशन एसोसिएशन की टीम राजधानी पहुंची. टाइगर कॉरिडोर के कई हिस्सों का दौरा किया. शहरी क्षेत्र से सटकर बाघों का संरक्षण किस तरह किया जा रहा है यह देखने के लिए यह टीम राजधानी आई है. कलियासोत, केरवा, वाल्मी सहित कई इलाकों में यह टीम पहुंची थी. टीम में 22 सदस्य हैं. शहर के आसपास 18 बड़े और चार छोटे बाघ हैं. लगतार इनकी संख्या बढ़ रही है. जिसके चलते टाइगर की नर्सरी के रूप में भी यह हिस्सा जाना जाता है. शहरी आबादी से इतने करीब बाघों का संरक्षण देश में अपनी तरह का पहला उदाहरण हैं. देश के दूसरे हिस्सों में भी इस पैटर्न पर पर काम किया जा सकता है.
आइआइएफएम में होगी बैठक
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ फारेस्ट मैनेजमेंट आइआइएफएम में एनपीसीए की बैठक होगी. इसमें कई बिंदुओं पर चर्चा होना है. वन क्षेत्र से जुड़े मामले इसमें रखे जाएंगे. जिनमें वन्यप्रा णियों के संरक्षण से लेकर उनके विकास तक पर बात होगी.
अन्य जिले भी अपना रहे भोपाल का फॉर्मूला
पुलिस कमिश्नर सिस्टम बनने के बाद भोपाल के लगभग 38 से ज्यादा थानों में कबाड़ बन चुके जब्त और राजसात वाहनों को बेचकर मुनाफा कमाने का प्रोजेक्ट बाकी जिलों की पुलिस को भी रास आ रहा है. भोपाल में एडीशनल पुलिस कमिश्नर तैनात रहे आईपीएस सचिन अतुलकर और हेड क्वार्टर एसपी रहे रामजी श्रीवास्तव के निर्देशन में यह कार्रवाई अब छिंदवाड़ा संभाग में की जा रही है. सर्वाधिक कंडम वाहनों की नीलामी सिवनी में की गई है. प्रक्रिया को पुलिसकर्मियों से वाकिफ कराने के लिए पुलिस के उन अधिकारियों को बुलाया गया है जिन्हें नीलामी का विशेष अनुभव है. प्रधान आरक्षक आशीष श्रीवास के निर्देशन में दल सिवनी जिले भेजा गया है.