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इंदौर: फर्जी मार्कशीट कांड में पकड़े गए चारों आरोपियों से पूछताछ बाद इंदौर के एक प्राइवेट स्कूल शिक्षक व एक स्कूल में पार्टनर को गिरफ्तार किया है। इन्होंने इंदौर के कई बच्चों को स्कूल-कॉलेज की मार्कशीट, डिग्री बेची थी। इनसे और जानकारी मिलने की उम्मीद है। पहले गिरफ्तार आरोपी दिनेश ने नया खुलासा किया है। उसने बताया कि वह 5 लाख में एमबीबीएस की मार्कशीट व डिग्री (इंदौर में नहीं) बेच चुका है, लेकिन उसे पता नहीं कहां बेची है। इसके अलावा 2 से 3 लाख में बी फार्मा की डिग्रियां बेची हैं। उसने इन रुपयों से खंडवा इलाके में काफी जमीन खरीदी है। अब उसकी कॉल डिटेल और संपत्ति की जानकारी निकाली जा रही है।
विजय नगर टीआई रवींद्र गुर्जर के अनुसार फर्जी मार्कशीट गैंग में दो और आरोपियों को पकड़ा है। इनके नाम गणेश तंवर निवासी अंबिकापुरी व आशीष पगारे हैं। गणेश नगीन नगर में निजी स्कूल में पढ़ाता था। इसका गैंग से संपर्क हुआ तो कमीशन लेकर कई बच्चों को पास की मार्कशीट बेच दी। वह अभी भी यही काम कर रहा था कि पकड़ा गया। दूसरे आरोपी आशीष ने बताया वह स्कूलों को मान्यताएं दिलाने का काम करता है। वह बिजलपुर में एक स्कूल में पार्टनर है। उस स्कूल की मान्यता इसी ने दिलाई थी। आरोपी इलाके के बच्चों को मेडिकल से जुड़ी कई डिग्रियां और मार्कशीट बेच चुका है।
लोग खुद दिनेश से संपर्क करते थे
पहले दिन पकड़ा गया आरोपी दिनेश स्कूल में पढ़ाता था। 8 साल पहले वह दिल्ली के एक एजेंट के संपर्क में आया, वहीं से उसने फर्जी मार्कशीट का काम शुरू किया। वह दिल्ली में इतना फेमस हो चुका था कि लोग खुद उसके संपर्क में आने लगे। टीआई का कहना है कि आरोपी के मोबाइल, डायरी और कम्प्यूटर में नई बातें पता चल रही हैं। मामले में और भी आरोपी बनाए जाएंगे।