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मध्य प्रदेश
ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की ये परियोजना में होगी 600 मेगावाट क्षमता
Ritisha Jaiswal
4 Aug 2022 12:03 PM GMT
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मध्य प्रदेश में दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बन रहा है. ये प्लांट नर्मदा नदी के तट पर बसे ओंकारेश्वर में बनेगा.
मध्य प्रदेश में दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बन रहा है. ये प्लांट नर्मदा नदी के तट पर बसे ओंकारेश्वर में बनेगा. इस परियोजना के लिए आज अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए. भोपाल के मिंटो हॉल में कार्यक्रम में सीएम शिवराज की मौजूदगी में अनुबंध साइन किया गया. ने कहा आज एक संकल्प पूरा हो रहा है. ओंकारेश्वर डैम पर हम सोलर पैनल बिछाएंगे. दुनिया में अब तक केवल 10 फ्लोटिंग पावर प्लांट हैं. ओंकारेश्वर दुनिया का सबसे बड़ा प्लांट है फ्लोटिंग सोलर प्लांट से विस्थापन जीरो होगा. इस प्लांट के बिजली के अलावा कई फायदे होंगे.
ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की ये परियोजना 600 मेगावाट क्षमता की होगी. आज इसके पहले चरण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए. पहले चरण में 278 मेगावॉट का प्रोजेक्ट है. परियोजना का निर्माण दो चरणों में हो रहा है. पहले चरण में 300 मेगावाट क्षमता के लिए निविदा नवंबर 2021 में जारी की गई थी. प्रोजेक्ट से तैयार होने वाली 600 मेगावाट बिजली राज्य सरकार की पावर कंपनी एमपीएमसीएल खरीदेगी. पहले चरण के 278 मेगावॉट क्षमता का काम सितंबर 2023 तक पूरा होगा. ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर योजना एमपी की पहली और दुनिया की सबसे बड़ी फ्लोटिंग परिजनों में से एक है. अभी तक सौर परियोजना आम तौर पर जमीन पर ही विकसित होती थी.
सरकार का संकल्प
कार्यक्रम में शामिल सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा आज एक संकल्प पूरा हो रहा है. ओंकारेश्वर डैम पर हम सोलर पैनल बिछाएंगे. दुनिया में अब तक केवल 10 फ्लोटिंग पावर प्लांट हैं. ओंकारेश्वर दुनिया का सबसे बड़ा प्लांट है फ्लोटिंग सोलर प्लांट से विस्थापन जीरो होगा. इस प्लांट के बिजली के अलावा कई फायदे होंगे. भोपाल को 124 दिन पीने के पानी की जितनी जरूरत होगी उतना पानी बच जाएगा. सीएम ने कहा 2027 तक एमपी में सौर ऊर्जा की क्षमता 20 हजार मेगावॉट कर ली जाएगी. चंबल में एक जमाने में डकैत घूमा करते थे. अब उस जमीन का उपयोग सोलर प्लांट के लिए भी होगा. इस पर काम किया जा रहा है. वहां भी सोलर प्लांट लगाएंगे. एमपी को हार्ट ऑफ इंडिया कहा जाता है, अब एमपी को लंग्स ऑफ इंडिया बनाना है. बिजली बचाना बिजली बनाने से ज्यादा अहम है. स्कूलों में बच्चों को बिजली बचाने के लिए जागरूक करेंगे. मैंने बिजली बचाने की आदत डाल ली है. मैं घर में अनावश्यक बिजली नहीं जलने देता.
एक नज़र में परियोजना
1.प्रदेश में नर्मदा नदी के ओंकारेश्वर जलाशय पर 600 मेगावॉट क्षमता की फ्लोटिंग सोलर परियोजना का निर्माण दो चरणों में किया जा रहा है.
2.ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना मध्य प्रदेश की पहली, देश की सबसे बड़ी और विश्व की सबसे बडी फ्लोटिंग सोलर परियोजनाओं में से एक होगी.
3. पहले चरण की 300 मेगावॉट क्षमता के लिए निविदा प्रस्ताव आमंत्रण नवंबर 2021 में जारी किया गया.
4.निविदा प्रक्रिया में लगभग 15 देशी, विदेशी और सार्वजनिक उपक्रम कंपनियों ने भाग लिया.
5. MNRE की 'अल्ट्रा मेगा रिन्युएबल एनर्जी पावर पार्क्स योजना (UMREPP)' के अंतर्गत 600 मेगावाट परियोजना पर काम किया जा रहा है.
6. ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना में तैयार 600 MW बिजली राज्य शासन की पावर कंपनी (MPPMCL) खरीदेगी.
7. सौर पार्क परियोजना की स्थापना से राज्य को 1200 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष सौर ऊर्जा मिलेगी.
8. पहले चरण की निविदा में यूनिट D, E और F के लिए ₹3.22, ₹3.21और ₹3.26 प्रति kWh की न्यूनतम दर.
– मेसर्स एनएचडीसी (NHDC) लिमिटेड – यूनिट D, एएमपी (AMP) एनर्जी – यूनिट E और एसजेवीएन (SJVN) लिमिटेड – यूनिट F को 30 जून 2022 को कुल 278 मेगावाट क्षमता विकसित करने के लिए लेटर ऑफ़ अवार्ड जारी किये गए.
9.4 अगस्त 2022 को मुख्यमंत्री की उपस्थिति में, परियोजना विकासकों एवं मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (MPPMCL) के बीच परियोजना के समझौते पर हस्ताक्षर किये गए.
10.प्रथम चरण के 278 मेगावॉट क्षमता को सितम्बर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है.
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