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स्कूल भेजने से पहले बच्चे को घर पर ऐसे दें प्राइमरी एजुकेशन
इंदौर न्यूज़: बच्चे के लिए घर ही उसका पहला स्कूल होता है. आप बच्चे को स्कूल भेजने से पहले उसकी प्राइमरी शिक्षा घर से ही शुरू कर सकते हैं, जिसके लिए आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा. जैसे-बच्चे को कितनी देर पढ़ा सकते हैं, उसे किस तरीके से सीखाना है और कब शिक्षा शुरू की जा सकती है. इस लेख में हम बच्चे को घर से प्राथमिक शिक्षा देने का सही तरीका जानेंगे ताकि बच्चे का मन भी लगा रहे और उसमें आत्मश्विास की कमी न हो. घर पर कैसे करें शुरुआत बच्चे को पढ़ाने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि आपको सही बॉडी लैंग्वेज का यूज करना है. आपको बच्चे को सीखाते समय उसके मेंटल लेवल के मुताबिक ही जानकारी को आसान करके समझाना होगा. बच्चे आपको देखकर चीजों को दोहराते हैं.
इससे उन्हें चीजें लंबे समय तक याद रहती हैं, इसलिए आप उन्हें आसान भाषा में जानकारी दें. आइए जानते हैं बच्चे को घर पर शिक्षा देने का सही तरीका - 1) खेल से करें शुरुआत बच्चे को घर से पढ़ाने के लिए आपको खेल से शुरुआत करनी चाहिए. खेल के जरिए बच्चे काफी चीजें सीखते हैं जो उनके दिमाग में फिट हो जाती हैं. आप बच्चे को सीखाने या पढ़ाने के लिए इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स का इस्तेमाल सीमति समय के लिए करें, हफ्ते में एक दिन आप बच्चे को टीवी या मोबाइल के जरिए पढ़ा सकते हैं पर रोज के लिए ये आदत ठीक नहीं है, इससे बच्चे की आंखों पर जोर पढ़ सकता है. 2) बच्चे को एक्टिविटीज करवाएं आपको बच्चे को अलग-अलग तरह की एक्टिविटीज करवानी चाहिए. आप बच्चे को चित्रों की मदद से बहुत सी चीजों का ज्ञान दे सकते हैं. कलरफुल चित्र बच्चों को आकर्षित करते हैं और बच्चे उनके जरिए बहुत कुछ सीख सकते हैं. बच्चे छोटी उम्र में थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल नजर आने वाली चीजों को जल्दी समझ लेते हैं इसलिए आपको बच्चाें को चीजों का ज्ञान देने के लिए गाने, एक्शन या चरित्र का सहारा लेना चाहिए. 3) बच्चों की जिज्ञासा शांत करें आपको बच्चे के दिमाग में आ रहे सवालों से परेशान नहीं होना है, वो सवाल अजीब भी हो सकते हैं पर आपको बच्चे की जिज्ञासा शांत करनी चाहिए. आप कभी भी बच्चे के सवालों से इरिटेट न हों. अगर बच्चे आपसे सवाल पूछने में झिझक महसूस कर रहे हैं तो उनसे खुलकर बात करें और उनके सवालों को ठीक से समझकर जवाब दें. 4) समय सीमा तय करेंघर पर बच्चे की प्राइमरी शिक्षा शुरू करने के लिए आपको पहले समय सीमा बांधनी होगी, बच्चे को खेल के समय खेलने दें, उसे जबरन बैठाकर पढ़ाने की कोशिश न करें. आपको इस बात का ध्यान रखना है कि हर समय बच्चे को पढ़ाई के लिए फोर्स न करें. इतने छोटे बच्चे लिखने और पढ़ने में सक्षम नहीं होते हैं और बहुत देर तक उनके लिए पेंसिल या कलर पकड़ना भी मुश्किल होता है. इसलिए गैप देना जरूरी है. हर बच्चे के सीखने की क्षमता अलग होती है इसलिए अगर बच्चा पढ़ने में सहज महसूस नहीं कर रहा है या उसका मन नहीं है तो आप बच्चे को डांटे या मारें नहीं, इससे बच्चे जिद्दी हो जाते हैं. उनके मन का सम्मान करें और कुछ समय बाद दोबारा ट्राय करें. 5) बच्चे को घुमाने ले जाएं आपको बच्चे को किताबी ज्ञान देने के बजाय घुमाने ले जाना चाहिए, किंडर गार्डन एक ऐसा समय होता है, जब बच्चे अपने आसपास की चीजों को देखकर सीखते हैं और नई चीजों को अपने व्यवहार में उतार लेते हैं. बच्चों की ऑब्जर्वेशन को बेहतर करने के लिए आपको उन्हें घुमाने ले जाना चाहिए. आप बच्चे को जू, गॉर्डन, म्यूजियम आदि जगह ले जा सकते हैं. खेल-खेल में गिनती और अक्षर का ज्ञान दे सकते हैं, इससे बच्चे को अक्षर समझने में परेशानी नहीं होगी.