मध्य प्रदेश

5 ड्रोन स्कूल होंगे MP में, मंत्री सिंधिया ने MITS में ड्रोन एक्सीलेंसी सेंटर स्थापित करने की घोषणा की

Gulabi
12 Dec 2021 5:20 AM GMT
5 ड्रोन स्कूल होंगे MP में, मंत्री सिंधिया ने MITS में ड्रोन एक्सीलेंसी सेंटर स्थापित करने की घोषणा की
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इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने MITS में प्रदेश के पहले ड्रोन मेले का शुभारंभ किया
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने शनिवार को कहा कि मध्य प्रदेश में पांच ड्रोन स्कूल (5 Drone Schools to be set up in Madhya Pradesh) बनाए जाएंगे. ग्वालियर में माधव इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (MITS) में ड्रोन एक्सीलेंसी सेंटर स्थापित करने की घोषणा की. इसके लिए एक ड्रोन कंपनी से एमओयू भी साइन हुआ है. इसके साथ ही ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, भोपाल और सतना में ड्रोन तकनीक और उसके इस्तेमाल की शिक्षा व प्रशिक्षण के लिए स्कूल खोले जाएंगे.
इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने MITS में प्रदेश के पहले ड्रोन मेले का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी आधुनिक युग के लिए वरदान है. इसका उपयोग क्रांतिकारी साबित होगा. विकास कार्यों की योजना बनाने के साथ ही आपदा प्रबंधन में ड्रोन उपयोगी साबित होने वाला है. खेतों में उर्वरक, दवाओं का छिड़काव, दूरस्थ स्थानों पर दवाएं पहुंचाने से लेकर कई काम आने वाला है. कार्यक्रम में चौहान और सिंधिया के साथ ही केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, ग्वालियर के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और ग्वालियर के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर मौजूद रहे.
ड्रोन मेले में पहुंची 20 कंपनियां
प्रदेश के पहले ड्रोन मेले में करीब 20 कंपनियों ने भाग लिया. एक साथ 40 ड्रोन भी उड़ाए गए. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि ड्रोन तकनीक कृषि क्षेत्र में किसानों के लिए वरदान सिद्ध हो सकती है. भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त के साथ ही पुलिस सर्विलांस में भी यह टेक्नोलॉजी उपयोगी है. इस दौरान केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उम्मीद जताई कि उनके मंत्रालय की पीएलआई योजना से भारत में ड्रोन क्रांति का सूत्रपात होगा. सिंधिया ने वीडियो ऐप यूट्यूब पर नौजवानों से चैट भी की. उन्होंने कहा कि हमें विश्व-स्तर पर फॉलोअर नहीं लीडर बनना है. इसमें ड्रोन स्टार्टअप्स बड़ा जरिया बन सकते हैं. हम पीएलआई के जरिए अगले तीन साल तक 120 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन उद्यमियों को देने जा रहे हैं.
आने वाले समय में कम होंगी ड्रोन की कीमतें
ड्रोन की कीमतों पर सिंधिया ने कहा–तकनीक नई होती है तब कीमत ज्यादा होती है. समय के साथ बहुत तेजी से कम भी होती हैं. मोबाइल तकनीक आज उपकरण और डेटा वैल्यू के लिहाज से बेहद किफायती हो चुकी है. उसी तरह से जब बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होगा तो ड्रोन की कीमतें भी घटेंगी. ड्रोन सेक्टर के फलने-फूलने से कस्बा-देहात तक ट्रेंड ड्रोन-पायलटों की आवश्यकता होगी, युवाओं के लिए यह रोजगार का नया क्षेत्र होगा.
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार सुबह केआरजी महाविद्यालय पहुंचे थे. विद्यार्थियों ने उनका काव्यमय स्वागत किया जिससे सिंधिया अभिभूत हो गए. इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने सारी विशिष्टजन वाली औपचारिकताएं छोड़ विद्यार्थियों से अभिभावकों की तरह संवाद किया. सिंधिया ने बताया कि ग्वालियर प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण शहर रहा है और पूरा विश्वास है कि वर्तमान पीढ़ी की प्रतिभा इसके महत्व को कम नहीं होने देगी. उन्होंने कहा कि ग्वालियर देश के उन आठ शहरों में से एक था जहां सी-प्लेन उतरते थे, और आज केंद्रीय नागरिक मंत्रालय सी-प्लेन यातायात के लिए नए सिरे से रणनीति बना रहा है. सिंधिया ने प्रसन्नता जताई कि अब शहर खेल की बुनियादी संरचनाओं की सुविधाओं से लैस है और प्रतिभाएं राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने लगी हैं. उन्होंने हॉकी, शूटिंग, क्रिकेट भारोत्तोलन औऱ मार्शल-आर्ट्स में क्षेत्र की प्रतिभाओं की प्रगति पर भी प्रसन्नता प्रकट की.
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