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रीढ़ की हड्डी में तीन जगह हुआ था फ्रैक्चर, मेघा ने सबसे ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा

न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
सीहोर जिले के भोज नगर की परमार एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती है। उनके सपने हमेशा ऊंचाई छू लेने वाले है। यहीं वजह है कि उनके सपनों में उड़ान होती है।
सीहोर। आजादी का अमृत महोत्सव पर देशभर में हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है। हर घर तिरंगा अभियान के तहत जिलेभर में नागरिकों ने अपने घरों, दुकानों, सार्वजनिक संस्थानों, व्यक्तिगत प्रतिष्ठानों आदि पर तिरंगा झंडा फहराया। इसी क्रम में माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली प्रदेश की पहली महिला, पर्वतारोही मेघा परमार और ऑस्ट्रेलिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट कोस्किउस्ज़्को को फतह करने वाले युवा पर्वतारोही शोभित नाथ शर्मा ने मध्यप्रदेश की सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। धूपगढ़ की चोटी 4429 फीट ऊंची है जो कि प्रदेश की सर्वोच्च चोटी है। दुर्गम और पथरीली पहाड़ी पर चढ़कर मध्य प्रदेश की बेटी ने नागरिकों को प्रेरक संदेश दिया है।
किसान परिवार में जन्मी परमार
सीहोर जिले के भोज नगर की परमार एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती है। उनके सपने हमेशा ऊंचाई छू लेने वाले है। यहीं वजह है कि उनके सपनों में उड़ान होती है। माउंट एवरेस्ट की चोटी को फतह करने वाली मेघा मध्य प्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही हैं। साथ ही दुनिया के चार महाद्वीपों में स्थित सबसे ऊंची चोटियों को भी फतह करने वाली मध्य प्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही का ताज पहना हुआ है। 2019 में यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रेस पर तिरंगा फहराकर देशवासियों को 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का संदेश भी दिया था। ये 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' अभियान की ब्रांड एंबेस्डर भी हैं।
रीढ़ की हड्डी में कभी तीन जगह हुआ था फ्रैक्चर
26 साल की मेघा खेतों में अपने पिता के साथ काम करती है। बचपन से उद्दंड सौभाव की मेघा को एडवेंचर से लगाव है। हालांकि, ट्रेनिंग के दौरान वॉल क्लाइम्बिंग करते समय ट्रेनर के हाथों से रस्सी छूट जाने के चलते नीचे आ गिरी और उनकी रीढ़ की हड्डी में 3 जगह फ्रैक्चर हो गया था। उन्हें ठीक होने में एक साल का वक्त लग गया था। जिसके बाद उनका वजन भी बढ़ गया। लेकिन हौसला कभी कम नहीं होने दिया।