मध्य प्रदेश

इस गांव में बसी है अजगरों की पूरी बस्ती, हजारों की तादाद में है अजगर, जानें खास बातें

jantaserishta.com
21 Sep 2021 8:14 AM GMT
इस गांव में बसी है अजगरों की पूरी बस्ती, हजारों की तादाद में है अजगर, जानें खास बातें
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मंडला. मंडला (Mandla) में प्रसिद्ध कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के साथ अब एक और पर्यटन स्थल पर्यटकों की पसंद बन चुका है. ये है अजगर दादर यानि अजगरों का पूरा गांव या कहें पूरी एक बस्ती. यहां हजारों की तादाद में अजगर हैं. अजगरों की ये बस्ती कान्हा के बफर जोन से लगे अंजनिया वन परिक्षेत्र के ककैया गांव में है. 1926 में आई बाढ़ में ये जगह पोली हो गई थी. बस तब से जीव जन्तुओं ने यहां अपना डेरा जमा लिया. 2014-15 में वन विभाग के प्रयास से ये लोगों की नजर में आयी. हजारों अजगरों को यहां एक साथ रेंगते देखा जा सकता है. न गांव वाले इन्हें परेशान करते हैं और न ही गांव वालों को कभी इन्होंने काटा.

अजगर दादर मंडला जिले का दूसरा प्रमुख पर्यटन स्थल बन गया है. दुनिया में प्रसिद्ध कान्हा राष्ट्रीय उद्यान बाघों के कारण वन्य प्राणि प्रेमियों और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है. अब इस अजगर दादर भी पर्यटकों में काफी उत्सुकता पैदा कर रहा है.
पर्यटक हमेशा नई और खतरनाक रोमांचक चीजें देखने के शौकीन होते हैं. इसलिए मंडला की ओर कूच करते हैं. लेकिन पर्यटकों को यहां एक ऐसे रोमांच का अनुभव होता है जिसे देखते ही सिट्टी पिट्टी गुम हो जाती है. यहां अजगरों को खुले आम आराम फरमाते देखा जा सकता है और भी एक दो नहीं बल्कि झुंड के झुंड.
एक ही जगह पर आपको इतने तरह के अजगर दिख जाएंगे जिसकी कल्पना भी नहीं कर सकते. छोटे से छोटे और बड़े से बड़े इतनी लंबाई कि कभी आपने सोचा भी ना होगा. ये अजगर दादर करीब 2 एकड़ में एरिया में फैला हुआ है. यहां बड़ी संख्या में छोटे-बड़े अजगर पाए जाते हैं. इस स्थान को अजगर दादर कहा जाने लगा है.
अजगर कोल्ड ब्लडेड होते हैं. इस स्थान पर ठंड के मौसम में बड़ी संख्या में अजगर धूप सेंकते हुए दिख जाते हैं. गांव वाले इन्हें परेशान नहीं करते और न ही इन्होंने कभी गांव वालों को डसा. यहां अजगर और इंसानों के बीच अजीब रिश्ता है. गांव वाले इन अजगरों की सुरक्षा को लेकर बेहद संवेदनशील हैं.
बताया जाता है कि 1926 में यहां भीषण बाढ़ आयी थी और ये स्थान पोला हो गया था. बस तभी से यहां तरह तरह के जीव जंतु रहने लगे. इन्हीं पोले स्थानों को अजगरों ने भी अपना निवास बना लिया. यह स्थान 2014-2015 के आस -पास वन विभाग के प्रयासों से लोगों की नजर में आया है. कान्हा नेशनल पार्क की तरह धीरे धीरे इस जगह के बारे में ख्याति फैल रही है और पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है.

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