मध्य प्रदेश

सड़क पर हो चुके हैं गड्ढे, नालियां न होने से सड़क पर बहता है घरों का पानी

Harrison
23 Sep 2023 10:35 AM GMT
सड़क पर हो चुके हैं गड्ढे, नालियां न होने से सड़क पर बहता है घरों का पानी
x
मध्यप्रदेश | राजधानी भोपाल के बीचों-बीच पहाड़ी पर बसा अमरावद खुर्द गांव यहां के रहवासियों के लिए जहां प्राकृतिक वरदान है. यहां लोगों को हरे-भरे खेत, वनों और जंगलों की ताजी और स्वच्छ हवा मिलती है. जिससे उनकी सेहत तो संवरती है, लेकिन मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से लोगाें को शहरी क्षेत्र में होने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों जैसा जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है. यहां 200 से ज्यादा मकानों में करीब एक हजार लोग निवास करते हैं. रहवासियों ने बताया कि पूरे गांव में नाली नहीं होने से घरों से निकलने वाला गंदा पानी, सीवेज गलियों और सड़कों पर बहता है. सड़क पूरी तरह बदहाल हो चुकी है. जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं. ऐसे में दो पहिया, चार पहिया वाहन चालकों के साथ ही राहगीरों को आने-जाने में भारी परेशानी होती है. रहवासियाें का कहना है कि इस संबंध में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों तक को अवगत करा चुके हैं, लेकिन अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया. जिससे लोगों की परेशानी बरकरार है.
गांव तक पहुंचने के लिए वाहन सुविधा नहीं
अमरावद खुर्द पहाड़ी पर बसा होने के कारण यहां के ग्रामीणों को नगरीय वाहन सेवा की सुविधा नहीं मिल पा रही है. गांव तक पहुंचने के लिए लोगों को कटारा हिल्स, अवधपुरी, शास्त्री नगर से आना-जाना करना पड़ता है. इन सभी जगहों की दूरी 2-3 किमी है.
ऐसे में रहवासियों को निजी वाहन या ऑटो आदि से आने-जाने के लिए जेब ढीली करनी पड़ती है.
कीचड़ भरे रास्तों से जाते हैं श्मशान घाट
गांव के श्मशान घाट तक पहुंच मार्ग नहीं होने लोगों को अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए कीचड़ भरे रास्तों से आना-जाना करना पड़ता है. पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण रास्ते में बड़े-बड़े पत्थर व गड्ढे होने से लोगों को गिरकर घायल होने का डर बना रहता है. ऐसे में परिजनों को अंतिम विदाई देने जाना भी मुश्किल होता है.
नाली नहीं बनी होने से सड़क पर आता है पानी
रहवासियाें ने बताया कि गांव पहाड़ी पर बसा हुआ है. ऐसे में यहां गांव की गलियों और सड़कों के किनारे नाली नहीं बनाए जाने से लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी और सीवेज सड़क पर बहता है. इस गंदगी और सीवेज के बीच से ही गुजर कर लोगों को घरों तक पहुंचना होता है. रात के अंधेरे में डर बना रहता है.
Next Story