मध्य प्रदेश

पॉश कॉलोनी में सुविधाएं नहीं, शाम होते ही बगीचे में छा जाता है अंधेरा

Admin Delhi 1
3 July 2023 12:49 PM GMT
पॉश कॉलोनी में सुविधाएं नहीं, शाम होते ही बगीचे में छा जाता है अंधेरा
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इंदौर न्यूज़: पूर्वी क्षेत्र के पॉश कॉलोनी में सालों बाद भी रहवासियों को बेहतर गार्डन की सौगात नहीं मिल पाई है. हैरत की बात यह है कि शिकायत के बाद जिम्मेदार नगर निगम ने सिर्फ सफाई कर पल्ला झाड़ लिया है. बगीचे में जहां बच्चों के झूले खराब हैं, वहीं चारों ओर लाइट की व्यवस्था नहीं होने से से शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता है. स्कीम 114 पार्ट 2 इलाके की पॉश कालोनी है. शालीमार टॉउनशिप के पीछे स्थित इस कॉलोनी में लगभग 15 साल पहले एक तुलसी गार्डन बनाया गया, जो अभी भी सुविधाओं के लिए तरस रहा है.करते हैं मॉर्निंग वॉक

इस गार्डन में रोज मॉर्निंग वॉक के लिए भी लोग जुटते हैं, जो इसकी विकास के लिए बातकरते हैं. रोज ही सुबह 7 से 9 बजे तक कॉलोनी के बुजुर्ग से लेकर अन्य लोग योगा भी करते हैं. रहवासी संघ की अगुवाई में यहां होली, दीपावली सहित अन्य बड़े त्योहार भी एकजुट होकर मनाए जाते हैं. दीपावली में जहां गार्डन के आसपास रहने वाले लोग दीयें जलाते हैं, वहीं होली में भी यहीं पर रंगों से सराबोर होते हैं. छोटे त्योहार भी उल्लास से मनाए जाते हैं.

रहवासियों की सक्रियता से गार्डन में सुधार कार्य तो हो रहे हैं, लेकिन बहुत धीमी गति से. जिम्मेदारों को ध्यान देते हुए तेज गति से विकास करने की जरूरत है,तभी विकसित हो पाएगा.

अमर गोमे, रहवासी

विकसित गार्डन तो मिलना ही चाहिए, जिसके लिए रहवासी तो सक्रिय हैं, पर जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं. नगर निगम सामंस्यज से कार्य करें तो जल्द ही नई सौगात मिल सकती है.

डॉ.दुर्गाशंकर शर्मा, रहवासी

स्कीम 114 पार्ट 2. रहवासियों को कहना है कि गार्डन में मार्निग वॉकर्स के लिए ट्रैक बनाने के साथ ही बच्चों को खेलने के लिए झूले सहित अन्य सुविधाएं देने का वादा किया गया था, जो इतने सालों बाद भी तैयार तो हैं, पर मेंटेनेंसके अभाव में बेहतर नहीं है. गार्डन में झूले की हालत इतनी खराब है कि तेज हवा के झोंके आने पर कभी भी गिर सकता हैं, इसलिए परिवार के लोग अपने बच्चों को खेलने से मना करने लगे हैं.

पिछले दिनों निगम की टीम ने झूले की व्यवस्थित जरूर किया था, लेकिन काम चलाऊ कार्य होने से अभी भी गिरने का खतरा है. रहवासियों के जागरुक होने के बाद पिछले दिनों निगम ने सफाई करने आई और एक गार्डन में जहां घास की कटाई कर डाली, वहीं बड़े पेड़ों की डालियां भी काटकर वहीं छोड़ दिया. लोगों का कहना है कि सालों पहले जब यहां प्लॉट खरीदे गए थे, तो आइडीए ने बड़े- बड़े वादे किए थे. बेहतर मूलभूत सुविधाएं देने के साथ ही अच्छा गार्डन भी देने की हामी भरी थी, लेकिन प्लॉट बिकने के बाद नगर निगम को हैंडओवर कर चुप्पी साथ ली.

आधे गार्डन में सिंचाई

गार्डन में सिंचाई की भी व्यवस्था नहीं है. एक बोरिंग तो जरुर है, लेकिन उसकी लाइन आधे गार्डन तक ही डाली गई है, जिसके कारण गार्डन में लगाए गए पौधों की सिंचाई नहीं हो पाती है. गार्डन में अधिकतर पौधे भी जंगली हैं, जिसे देखते हुए रहवासियों ने इस मानसून सत्र में और पौधे लगाने की तैयारी कर रहे हैं. जिम्मेदारों से यह भी कहा है कि पानी की व्यवस्था ऐसी की जाए कि पूरे गार्डन की सिंचाई की जा सके.

इलाके में गार्डन तो है,लेकिन देखरेख सही ढंग से नहीं होने से कुछ समस्याएं आ गई है. रहवासियों की टीम तो सक्रिय होकर विकास के लिए आगे आ रही है, पर जबाबदार ध्यान नहीं दे रहे है.

पंकज भाटिया, रहवासी

गार्डन तो बेहतर होना चाहिए. मार्निग वॉक के साथ ही योगा करने की सुविधा मिल सके. यहां के रहवासी तो सक्रिय हैं, पर जिम्मेदार अधिकारियों को गंभीरता से लेकर विकास करने की जरुरत है.

अजय अरोरा, रहवासी

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