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भरतपुर (Bharatpur) की डीग तहसील के कई गावों में फीडर इंचार्ज ने ग्रामीणों से बिजली के बिल के रुपये लेकर अपनी जेब में रख लिए. फीडर इंचार्ज हर महीने ग्रामीणों से बिजली बिल के पैसे लेकर अपनी जेब में रख लेता था. इतना ही नहीं वो ग्रामीणों से मीटर बदलने के भी 20 रुपये वसूल करता था. ग्रामीणों को जब फीडर इंचार्ज की इस हेराफेरी का पता चला तो उन्होंने इसकी शिकायत कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह से की.
इसके बाद मंत्री ने जिला कलेक्टर लोकबंधु को फीडर इंचार्ज द्वारा ग्रामीणों के साथ की गई हेरा-फेरी से अवगत कराया, जिसके बाद फीडर इंचार्ज को तुरंत निलंबित करने के निर्देश दे दिए गए. दरअसल, भरतपुर की कुम्हेर-डीग विधानसभा क्षेत्र के गांव बदन गढ़, घरबारी और माढ़ेरा में बिजली विभाग के फीडर इंचार्ज सुरेश ने ग्रामीणों से कई महीने के बिजली बिल के पैसे तो ले लिए, लेकिन उन पैसों को उसने बिजली विभाग में जमा नहीं करााया और अपनी जेब में रखता रहा.
इस तरह सामने आई फीडर इंचार्ज की हेरा-फेरी
ग्रामीणों को इसका पता तब पता चला जब बिजली विभाग द्वारा ग्रामीणों को बिजली का बिल जमा कराने का नोटिस दिया गया. इस मामले में ग्रामीणों का कहना है की फीडर इंचार्ज सुरेश ग्रामीणों से हर महीने बिजली बिल के रुपए ले जाता था. यदि किसी ग्रामीण का मीटर खराब हो जाता है तो मीटर को बदलने की एवज में भी वो उनसे 20 हजार रुपये लेता था. गौरतलब है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार जनता के लिए प्रदेश में महंगाई राहत शिविर लगा रही है.
सरकार ने घरेलु बिजली उपभोक्ताओं के लिए 100 यूनिट बिजली फ्री की घोषणा भी की है . सरकार तो लोगों को राहत देने का काम कर रही है, लेकिन सरकार के कर्मचारी ही लोगों को चूना लगा रहे हैं.
Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।