मध्य प्रदेश

40 करोड़ रुपये समेट कर भाग गए ठग

Admin4
1 July 2022 1:35 PM GMT
40 करोड़ रुपये समेट कर भाग गए ठग
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इंदौर क्राइम ब्रांच ने किसानों से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का भांडाफोड़ कर 10 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. आरोपियों ने किसानों को झांसे में लेकर उनसे लगभग 40 करोड़ रूपये की फसल ली और उसे औने पौने दामों में बेच दिया. फिर रफूचक्कर हो गए. आरोपियों ने किसानों को भरोसा दिलाया था कि वह जैविक खेती से होने वाली फसल को भारत सरकार के उपक्रम से विदेश में बेचेंगे. उसके लिए उन्हें एक संस्था बनानी होगी दफ्तर खोलना होगा, कुछ राशि भी जमा करना होगी. किसानो ने ऐसा ही किया और फसल उगने पर उन्हें दे दी. लेकिन ठग फसल के बदले नगद राशि लेकर रफूचक्कर हो गए.

किसानों को बिजनेस का आइडिया देकर मंडी नहीं सीधे विदेश में माल बेचने का झांसा देने वाले करोड़ों की धांधली कर फरार हो गए. जिन आरोपियों ने किसानों के साथ ठगी की है, वह खरगोन, झाबुआ, महाराष्ट्र, और गुजरात के रहने वाले हैं. जानकारी है कि बिजनेस का आइडिया सुनकर किसानों ने एक समिति बनाई और एक किसान को उसका अध्यक्ष बना दिया. जैविक खेती में जो भी उत्पादन हुआ उसे लेकर बाद में आइडिया देने वाले रफूचक्कर हो गए.
गिरोह में महिलाएं भी शामिल
ठगी के शिकार हुए सेंधवा के प्रकाश आर्या ने पुलिस के बड़े अफसरों से शिकायत की थी. बड़े अधिकारियो ने मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी थी. बयानों के बाद क्राइम ब्रांच ने ठगी में शामिल 10 लोगों के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया है. इसमें महिलाएं भी शामिल हैं. किसानों से कहा गया था कि तुम जैविक खेती करो. भारत सरकार के उपक्रम के माध्यम से उत्पादों को विदेश में भेजकर अच्छी कीमत मिलेगी. समिति के सदस्य उनकी बातों में आ गए और सैकड़ों एकड़ में जैविक खेती की. जैविक खेती का जो उत्पादन हुआ था, उसे भी ठगोरों को दे बैठे.
ठगों की तलाश
आरोपियों ने माल को विदेश भी भेजा, लेकिन उसकी जो कीमत आई थी, वह समिति के सदस्यों को नहीं देते हुए खुद आपस में बांट ली, जो उपज समिति के सदस्यों ने आरोपियों को दी उसकी अनुमानित कीमत 40 करोड़ रुपए बताई जा रही है. पुलिस ने ठगी के मामले में गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. हालांकि पुलिस अभी खाली हाथ ही है. कोई आरोपी हाथ नहीं लगा है. पुलिस का दावा है कि उनकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है.
क्राइम ब्रांच थाना प्रभारी लाइन अटैच
क्राइम ब्रांच भले ही मामले में जांच के बाद कार्रवाई का दावा कर रही हो. लेकिन अंदरखाने से मिली जानकारी यह भी है कि ठग गिरोह में शामिल एक शख्स से बड़ा लेनदेन किया गया है. उसे छोड़ दिया गया, उसे आरोपी नहीं बनाया गया है. क्राइम ब्रांच ने जब इस प्रकरण में केस दर्ज किया उसके कुछ ही देर बाद क्राइम ब्रांच थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया गया. आशंका है कि इसी लेनदेन की जानकरी बड़े अफसरों तक पहुंच गई थी.


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