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ज्वलनशील केमिकल के ढेर पर बैठा है औद्योगिक क्षेत्र
![ज्वलनशील केमिकल के ढेर पर बैठा है औद्योगिक क्षेत्र ज्वलनशील केमिकल के ढेर पर बैठा है औद्योगिक क्षेत्र](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/04/17/2777278-4ecedd50509a108cf81232a31a770710.webp)
भोपाल न्यूज़: नगर का औद्योगिक क्षेत्र तमाम केमिकल और ज्वलनशील पदार्थ होने के चलते आग के ढेर पर बैठा है. छोटी सी चिंगारी क्षेत्र में बड़े नुकसान का कारण बन सकती है, लेकिन इसके बावजूद यहां आग बुझाने के सुरक्षा मापदंडों की अनदेखी की जा रही है. दरअसल, यहां चल रही फैक्ट्रियों में न तो फायर सेफ्टी ऑडिट होता है और न ही किसी तरह का मॉकड्रिल. अफसरों को यह तक नहीं पता कि फैक्ट्रियों में आग बुझाने के क्या इंतजाम है, जबकि क्षेत्र में हर साल आग लगने की छोटी-बड़ी दर्जनों घटनाएं होती रहती हैं. फिर भी कंपनी संचालक चिंतित नहीं हैं.
हो चुका है बड़ा नुकसान, फिर भी नहीं ली सीख
7 जून 2014 को दावत राइस कंपनी में आग की घटना से बड़ा नुकसान हो चुका है. इस घटना के बाद तत्कालीन प्रभारी कलेक्टर अनुराग चौधरी ने निर्देश दिए थे कि उद्योगों का फायर सेफ्टी ऑडिट किया जाए और हर महीने की पहली तारीख को आग बुझाने का मॉकड्रिल किया जाए. उनके आदेश का एक दो बड़ी कंपनियों में उस समय पालन जरूर हुआ था. चौधरी ने उद्यमियों को भी फैक्ट्रियों का इंटरनल ऑडिट करने और फायर सुरक्षा समिति का गठन कर हर 3 माह में बैठक करने के भी निर्देश दिए थे. इन सभी निर्देशों का पालन कराने की जिम्मेदारी एसडीएम की थी, लेकिन करीब आठ साल बीत जाने के बाद भी इनका पालन नहीं हो सका.
अन्य जिलों से दमकल व अन्य उपकरण मंगाने पड़ते हैं
क्षेत्र में बड़ी आगजनी की घटना होने पर भोपाल के साथ ही अन्य जिलों से दमकल व अन्य सुरक्षा उपकरण मंगाने पड़ते हैं. विधायक सुरेन्द्र पटवा कई बार घोषणा कर चुके कि मंडीदीप को केमिकल आग बुझाने वाली फोम फायर उपलब्ध कराई जाएगी, लेकिन आज तक वह नहीं मिल सकी. दूसरी और नगरीय क्षेत्र के अस्पतालों, हाइराइज भवनों में भी फायर सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं है. ऐसे में आगजनी की घटना होने पर बड़ी जनहानि होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता.