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मध्य प्रदेश
प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही बढ़ी कड़कनाथ की डिमांड
Harrison
15 Aug 2023 7:26 AM GMT

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झाबुआ | पश्चिम मध्य प्रदेश के झाबुआ का कड़कनाथ मुर्गा अब चुनाव में तड़का बनने की तैयारी में है. आगामी नवंबर-दिसंबर में संभावित विधानसभा चुनाव के चलते जुलाई-अगस्त में कड़कनाथ पालक कड़कनाथ चूजे खरीदकर उन्हें बड़ा करने में जुटे हैं, ताकि जब नवंबर में चुनाव अपने पीक पर आएं तो यह चूजे मुर्गा हो चुके हों. कड़कनाथ पालकों को चुनावी मौसम में दो से ढाई गुनी तक कीमत मिल सकती है.
अचानक कड़कनाथ मुर्गे के चूजों की डिमांड बढ़ने की वजह को लेकर झाबुआ की शासकीय कड़कनाथ हेचरी के प्रमुख बी एस दिवाकर कहते हैं कि कड़कनाथ की अधिक खपत ठंड में होती है. इस बार चूंकि ठंड में ही चुनाव है तो कड़कनाथ पालकों को अच्छा खासा मुनाफा होगा. इससे किसानों की आमदनी बढ़ती है. दिवाकर कहते हैं कि विगत एक-डेढ़ महीने में ही 10 हजार से अधिक चूजे लोग हमसे ले जा चुके हैं.
चुनाव में कड़कनाथ की होगी भारी डिमांड, जमकर खरीदे जा रहे चूजे
झाबुआ में एक ओर कड़कनाथ सेंटर कृषि विकास केंद्र भी है. इस केंद्र के प्रमुख डॉक्टर जगदीश मौर्य कहते हैं कि ठंड और ऊपर से चुनाव के चलते कड़कनाथ चूजे खूब खरीदे जा रहे हैं. कड़कनाथ मुर्गा अपने औषधीय गुणों और इम्युनिटी बूस्टर के रूप में जाना जाता है. यह फैट और कोलेस्ट्रॉल से मुक्त होता है. ताकत वाले तत्वों से भरपूर और स्वाद भी लाजवाब होता है. इसलिए इसकी डिमांड काफी है.
'जितने चूजे पालेंगे, उतनी ही ज्यादा मुनाफा होगा'
कड़कनाथ पालक जितेंद्र डामोर कहते हैं कि हम अभी चूजे लाए हैं. नवंबर-दिसंबर तक यह बड़े हो जाएंगे और बिकने लायक. उसी दौर में चुनाव है तो हमें अच्छा मुनाफा होगा. जितेंद्र डामोर कहते हैं कि हम इस वक्त जितने चूजे पालेंगे, उतना ही मुनाफा होगा. किसान प्रवीण मैडा कहते हैं कि कड़कनाथ की ठंड में डिमांड अच्छी होती है. इस बार तो चुनाव भी है. लिहाजा हमें अच्छा मुनाफा होना है. कड़कनाथ काफी महंगा बिक सकता है.
चुनाव में कड़कनाथ की होगी भारी डिमांड, जमकर खरीदे जा रहे चूजे
चूंकि विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में सियासत और उससे जुड़े लोग चुनाव अभियान में शिरकत करने झाबुआ आते हैं. झाबुआ का कड़कनाथ फेमस है. लिहाजा झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गे की भारी डिमांड कीमत बढ़ा देती है. इसलिए नॉन वेजेटेरियन लोग झाबुआ आने पर कड़कनाथ की डिमांड करते हैं.
चुनाव के समय महंगा हो जाता है कड़कनाथ मुर्गा
साबिर फिटवेल कहते हैं कि सभी राजनीतिक दलों से जुडे़ शौकीन लोग झाबुआ आने पर कड़कनाथ मुर्गे की अपेक्षा करते हैं. इसलिए यह चुनाव के समय महंगा हो जाता है. चुनाव पीक पर आने यह दो हजार रुपए प्रति नग बिकता है. काले रंग, काली कलगी, काला मांस और काले खून के कारण इसे इम्युनिटी बूस्टर माना जाता है. कड़कनाथ मुर्गे में फैट और कोलेस्ट्रॉल न के बराबर और पोषक तत्व भरपूर होते हैं.
जून और जुलाई में आते हैं काफी पशुपालक
शासकीय कड़कनाथ हेचरी के प्रमुख बीएस दिवाकर ने कहा कि शासकीय कड़कनाथ कुकुट पालन केंद्र खासकर चूजे उत्पादन के लिए है. जून और जुलाई के महीने में यहां चूजे के लिए पशुपालक बहुत आते हैं. जून और जुलाई में 30 से 40 दिनों में 10000 चूजे सरकार की योजना और प्राइवेट की स्कीम में दिए गए हैं.
Tagsप्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही बढ़ी कड़कनाथ की डिमांडThe demand for Kadaknath increased as soon as the assembly elections came near in the state.जनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़छत्तीसगढ़ न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज का ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsChhattisgarh NewsHindi NewsIndia NewsKhabaron Ka SisilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaper

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