- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जिस बबूल के पेड़ के...
जिस बबूल के पेड़ के नीचे बनाया संत का चबूतरा, उस पेड़ में अब कांटे नहीं
भोपाल न्यूज़: संत सिंगाजी महाराज प्रकटोत्सव के उपलक्ष्य में संत सिंगाजी महाराज चरण स्थल मंदिर बरखेड़ा पठानी लहारपुर रोड पर पांच दिवसीय परचरी पुराण कथा की जा रही है. कथा वाचक ललित महाराज ने तीसरे दिन की कथा में सिंगाजी महाराज के अद्भुत चमत्कारों की कथा सुनाई.
कथा करने महाराज के साथ खंडवा से टीम आई हुई है, जिसमें पुजारी राधे श्याम बाबा के साथ रामनिवास राठौर, राम यादव, जीवन पटेल, मनीश राठौर, चंदन राजपूत हैं. आयोजन निगुर्ण धाम सिंगाजी महाराज सेवा समिति भोपाल द्वारा किया जा रहा है. कथा रोजाना दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक की जा रही है. अतिथि विधायक कृष्णा गौर व विशिष्ठ अतिथि पार्षद नीरज सिंह रहे. कथा में विक्रम सिंह, संजय खंडेलवाल रहे.
हर साल बैसाख में मनाते हैं प्रकट दिवस: आयोजन टीम के अध्यक्ष कटारा हिल्स निवासी विक्रम सिंह झिंजोरिया ने बताया कि वर्ष 2009 में साथी विष्णु माहेश्वरी के साथ यहां से निकल रहे थे. इस दौरान सड़क किनारे सूखे बबूल के पेड़ के नीचे एक बुजुर्ग बैठे थे. उन्होंने संत सिंगाजी महाराज का नाम लिया और गायब हो गए. काफी ढूंढने के बाद भी जब नहीं मिले तो हम लोगों ने सिंगाजी महाराज के नाम पर वहां 5 पत्थर रख दिए. 15 दिन बाद वहां दोबारा पहुंचे तो बबूल में पत्तियां आने लगीं और देखते ही देखते वह हरा-भरा हो गया. खास बात यह है कांटों से भरे इस बबूल के पेंड़ में अब कांटे नहीं आते हैं. यहां प्रत्येक वर्ष बैसाख सुदी नवमी को महाराज का प्रकट दिवस मनाया जाता है. इस बार परचरी कथा करा रहे हैं.