मध्य प्रदेश

टीनएजर्स व कॉलेज स्टूडेंट शक के दायरे में, पैरेंटल इंवेस्टिगेशन की डिमांड बढ़ी

Admin Delhi 1
25 April 2023 9:15 AM GMT
टीनएजर्स व कॉलेज स्टूडेंट शक के दायरे में, पैरेंटल इंवेस्टिगेशन की डिमांड बढ़ी
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भोपाल न्यूज़: सोशल मीडिया बच्चों को बिगाड़ रहा है. उनमें बढ़ती नशे की लत और दोस्तों की तरफ बढ़ता झुकाव पैरेंट्स को परेशान कर रहा है. वे अपने बच्चों पर हर पल नजर रखने सीक्रेट एजेंट्स रख रहे हैं. बीते पांच साल में भोपाल में पैरेंटल इंवेस्टिगेशन के मामले दोगुने हो गए हैं.

● मोबाइल में क्या कंटेट देख रहे

● अवसाद व चिड़चिड़ेपन का कारण

● गैंबलिंग या लड़कियों को वेस्टर्न पार्टीज का शौक तो नहीं

रोजाना 20 से अधिक मामले आ रहे हैं

अभी सबसे अधिक केस पति-पत्नी के अफेयर संबंधी आते हैं. लेकिन, अब पर्सनल इंवेस्टिगेशन का ट्रेंड बदल गया है. एक निजी इन्वेस्टिगेशन कंपनी के एमडी अजित सिंह ने बताया कि पहले स्थिति यह थी कि महीने में एक या दो ही ऐसे मामले आते थे. लेकिन अब हर महीने 20 से अधिक पेरेंट्स जासूसी के लिए संपर्क कर रहे हैं. इनमें टीनेजर्स और कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स के पेरेंट्स ज्यादा शामिल हैं.

चार इमली निवासी दंपत्ति का 17 वर्षीय बेटा स्कूल से आते ही दोस्त के साथ निकल जाता और देर रात आता है. पूछने पर अलग-अलग बहाने बनाता था. प्राइवेट डिटेक्टिव की मदद ली. तो पता चला कि वो दोस्त के साथ नशा करता था. इसके बाद बच्चे की काउंसिलिंग की गई.

यह जानने की कोशिश

बच्चे की फ्रेंड सर्कल

नशे-ड्रग्स की आदत

बायफ्रेंड-गर्लफ्रेंड कौन

ट्यूशन के बहाने नशा तो नहीं

संगति कैसी है

14 साल की बेटी को बार-बार पैसे की मांग करते और हर छोटी बात पर रोता देख पैरेंट्स ने एक एजेंसी को जासूसी का काम सौंपा. इंवेस्टिगेशन में पता चला कि उसे दिल्ली निवासी सोशल मीडिया फ्रेंड निजी चैट के कारण ब्लैकमेल कर पैसे मांग रहा था. इसलिए वो घर से पैसे चुराने लगी. मामले में केस दर्ज कराया गया है.

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