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ऑटो मोबाइल मॉडल व मशीनों के पार्ट्स बना रहे विद्यार्थी
इंदौर न्यूज़: मौजूदा दौर में इंडस्ट्री की मांग कम्यूटराइज्ड मशीनों पर काम करने वाले हुनरमंद कर्मचारियों की है. इसी मांग को पूरा करने के लिए शासकीय आइटीआइ में विद्यार्थियों को तैयार किया जा रहा है. आधुनिक इंडस्ट्री की तर्ज पर 10 कम्प्यूटराइज्ड मशीनों पर विद्यार्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं. पिछले 14 महीनों में संस्थान में 25 कैंपस प्लेसमेंट हुए, जिनमें 600 से अधिक विद्यार्थियों को मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी मिली है.
इस प्रकार की हैं मशीनें:
वीएमसी: संस्था में 3 नई वर्टिकल मिलिंग सेंटर मशीनें आई हैं. एक मशीन की कीमत 25 लाख है. इस मशीन का उपयोग लोहे या अन्य धातु को काटने, छीलने, ड्रिलिंग व डिजाइन बनाने में होता है. इससे वाहनों के इंजन व मशीनों के पार्ट्स, नट-बोल्ड, बेयरिंग आदि बनाए जा रहे हैं.
सीएनसी: विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने के लिए कम्प्यूटराइज्ड 6 सीएनसी मशीनें भी हैं. घंटों का काम मिनटों में करने वाली इस मशीन से मैटल को आसानी से किसी भी आकृति में काटा जा सकता है. इससे ऑटो मोबाइल व अन्य इंडस्ट्री की मशीनों के छोटे पार्ट्स आसानी से बनाए जा रहे हैं. मशीन से ड्रीलिंग, मिलिंग व टर्निंग तीनों काम होते हैं. इस मशीन से प्लास्टिक, स्टेनलेस स्टील, एल्यूमिनियम, लकड़ी, कॉपर आदि से कई सामग्री बनाई जा रही है.
बीएस-6 इंजन: संस्थान में बीएस-6 मॉडल के वाहनों के इंजन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यहां सभी बड़ी कंपनियों के वाहनों के इंजन हैं, जिन्हें बनाने से लेकर सुधारने तक की जानकारी विद्यार्थियों को मिल रही है.
कंपनियों में प्लेसमेंट
संस्थान के प्लेसमेंट प्रभारी विपिन पुरोहित ने बताया कि संस्थान में 14 महीनों में 25 कैंपस प्लेसमेंट हुए हैं. टाटा मोटर्स, वोल्वो, फोर्स, प्रतिभा, टीवीएस, होंडा, मित्तल, इंडिगो टेक सहित कई बड़ी कंपनियों में विद्यार्थियों को प्लेसमेंट मिल रहा है.
ट्रेनिंग सेंटर के अधिकारी बीआर नरवरे ने बताया कि स्किल डेवलपमेंट के तहत विद्यार्थी आधुनिक मशीनों को संचालित करने, बनाने व सुधारने का प्रशिक्षण ले रहे हैं. यह दक्षता बड़ी-बड़ी कंपनियों की जरूरत है. ऐसी मशीनें अन्य संस्थानों में नहीं हैं. आज कंपनियों को मेहनती होने के साथ स्मार्ट वर्क करने वालों की जरूरत है. इसी तर्ज पर विद्यार्थियों को तैयार कर रहे हैं. ट्रेनर नितिन सुनहरे ने बताया कि जिन आधुनिक मशीनों से इंडस्ट्री में काम हो रहा है, विद्यार्थी उन्हीं पर प्रशिक्षण ले रहे हैं. हुनरमंद होने के कारण विद्यार्थियों को अच्छे पैकेज मिल रहे हैं. विद्यार्थी अजय वाडिया और राहुल कुशवाह ने बताया कि आधुनिक मशीनों से प्रशिक्षण मिलने से हमें जॉब में परेशानी नहीं आएगी. कंपनियों को जो काम चाहिए, वह हम संस्थान में पढ़ाई के साथ सीख रहे हैं.
संस्थान में मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक, मशीनिस्ट, टर्नर सहित अन्य ट्रेड में पाठ्यक्रम संचालित हैं. इनमें आधुनिक मशीनों से प्रशिक्षण दे रहे हैं. कई विद्यार्थियों ने स्वयं के उद्यम स्थापित कर लिए हैं. गरीब परिवारों के बच्चे ज्यादा लाभ ले रहे हैं.
- सुशील कुमार, प्राचार्य, शासकीय संभागीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, नंदानगर