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पारंपरिक कोर्स करने वाले छात्रों को अब नौकरी के लिए नहीं भटकना होगा
भोपाल न्यूज़: पारंपरिक कोर्स से यूजी-पीजी करने वाले विद्यार्थियों को भी अब डिग्री पूरी करने के बाद नौकरी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. बल्कि डिग्री पूरी होने से पहले ही इन विद्यार्थियों को प्लेसमेंट मिल सकेगा. छात्र चाहें तो अपना स्टार्टअप भी खड़ा कर सकते हैं.
इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं को औद्योगिक क्षेत्रों की विजिट कराई जाएगी. विजिट के लिए कॉलेजों को ऐसी कंपनियों का चयन करना होगा, जो विद्यार्थियों को मेंटरिंग करने कॉलेजों को गोद लेने भी तैयार हों. बीए, बीकॉम, बीएससी, एमकॉम जैसे पारंपरिक कोर्स करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए अब औद्योगिक क्षेत्रों की विजिट कराई जाएगी. विजिट के लिए कॉलेजों को ऐसी कंपनियों का चयन करना होगा. जिससे छात्र-छात्राओं को नौकरी के अवसर प्राप्त हो सकें और उन्हें खुद का स्टार्ट अप खड़ा करने में भी मदद मिल सके. अधिकारियों के अनुसार टेक्नोलॉजी के इस दौर में केवल थ्योरीकल नॉलेज से काम नहीं चलेगा. थ्योरिकल नॉलेज के लिए तो आज मार्केट में चैट जीपीटी जैसे सोफ्टवेयर उपलब्ध हैं, लेकिन छात्रों को पै्रक्टिकल नॉलेज की जरूरत है. इससे रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
यह होगा फायदा:
विद्यार्थी उद्योगों की गतिविधियों को स्थल पर उपस्थित होकर समझ सकेंगे तथा स्वयं को रोजगार के लिए तैयार कर सकेंगे.
ऐसे विद्यार्थी जो खुद का र्स्टाअअप शुरू करना चाहते हैं, उन्हें कंपनियों से मदद मिल सकेगी.
औद्योगिक विजिट करने से स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल नॉलेज मिल सकेगा.
उच्च शिक्षा विभाग के अनुसार छात्रों को भ्रमण के लिए ऐसे औद्योगिक क्षेत्रों का चयन करना है, जो विद्यार्थियों को प्लेसमेंट उपलब्ध कराने तैयार हों. विद्यार्थियों में रोजगार मूलकता की वृद्धि के लिए कॉलेजों को सलाह देने, विद्यार्थियों की मेंटरिंग करने कॉलेजों को गोद लेने में रुचि रखते हों विजिट के लिए विभाग ने हर कॉलेज के लिए 15-15 हजार रुपए का बजट रखा है. यह विजिट यूजी द्वितीय एवं अंतिम वर्ष एवं पीजी प्रथम सेमेस्टर के लिए है.