- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- स्कूल की प्रार्थना में...
मध्य प्रदेश
स्कूल की प्रार्थना में खड़े छात्र को आया हार्ट अटैक, मौके पर हुई मौत
Harrison
11 July 2023 12:19 PM GMT
x
छतरपुर | अक्सर कहा जाता है कि हार्ट अटैक ज्यादातर 40-50 की उम्र के बाद ही आता है। लेकिन अब कम उम्र में भी हार्ट अटैक से मौत के मामले सामने आने लगे हैं। एक ऐसा ही मामला सोमवार को छतरपुर शहर में सामने आया। यहां एक 17 साल का बच्चा सुबह स्कूल की प्रार्थना में खड़ा था तभी अचानक जमीन पर गिर गया। स्कूल के लोगों ने उसे सीपीआर देने की कोशिश की लेकिन इसके पहले ही उसकी जान चली गई। बच्चे की मौत से परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है जो भी इस घटना के बारे में सुन रहा है वह हैरान हो रहा है।
व्यापारी आलोक टिकरिया के 17 वर्षीय सुपुत्र सार्थक महर्षि विद्या मंदिर की कक्षा 10वीं में पढ़ाई कर रहे थे। हमेशा की तरह सार्थक सोमवार की सुबह 6 बजे जागा और तैयार होकर स्कूल चला गया। लगभग साढ़े 7 बजे से 8 बजे के बीच स्कूल में सभी बच्चे पढ़ाई के पूर्व प्रार्थना की पंक्ति में खड़े थे तभी अचानक सार्थक जमीन पर गिर गया। बच्चे कुछ समझ पाते इसके पहले ही सार्थक बेहोश हो गया। स्कूल के स्टाफ ने बच्चे की छाती पर सीपीआर देने की कोशिश की और परिवार को सूचित किया। परिवार के लोग मौके पर पहुंचे, बच्चे को तुरंत जिला अस्पताल लाया गया लेकिन इसके पहले ही उसकी जान चली गई थी।
परिजनों के मुताबिक सार्थक तीन भाई बहिनों में सबसे छोटा था, उसका एक बड़ा भाई और बड़ी बहिन नोएडा और भुवनेश्वर में पढ़ रहे हैं। शहर के टिकरिया मोहल्ले में रहने वाले आलोक टिकरिया के घर में हुई इस दर्दनाक घटना को जिसने भी सुना वह हैरान हो गया। लोग परिवार के इस दुख को बांटने के लिए उनके घर की तरफ बढ़ गए। बच्चे का अंतिम संस्कार भाई, बहिनों और परिजनों के आने के बाद आज सिंघाड़ी नदी स्थित मुक्तिधाम पर किया जाएगा।
17 साल के बेटे को गवां चुके परिवार का हर सदस्य दुख से भरा हुआ है। एक भरे-पूरे परिवार का किशोर बेटा अचानक ही यह दुनिया छोड़कर चला गया। बच्चे के पिता आलोक टिकरिया ने सदमे से भरे इस माहौल के बीच अपने बेटे की स्मृतियों को बचाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया। बेटे की आंखों से कोई और इस संसार को देख सके इसलिए तुरंत बेटे के नेत्रदान का फैसला लिया गया। सद्गुरू नेत्र चिकित्सालय चित्रकूट की टीम को सूचित किया गया। यह मेडिकल टीम दोपहर 3 बजे छतरपुर पहुंची और एक छोटी सी सर्जरी के माध्यम से सार्थक की आंखों को उसके शरीर से निकालकर किसी और के शरीर में प्रत्यारोपित करने के लिए सर्जरी की गई।
जब सार्थक को अस्पताल लाया गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ.अरविंद सिंह ने मौत की पुष्टि करते हुए परिवार को बताया कि बच्चे को कार्डियक अरेस्ट हुआ है। डॉ. अरविंद सिंह से जब इस मामले पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि आमतौर पर ऐसी घटनाएं सामने नहीं आती हैं। यह दुर्लभ कार्डियक अरेस्ट का मामला है। कई बार जैनेटिक कारणों से अथवा हृदय के रक्त प्रवाह मार्ग पर कैमिकल का संतुलन बिगड़ने के कारण ऐसी घटनाएं सामने आती हैं। इन मामलों में हृदय की गति अचानक बढ़ जाती है जिससे हृदय काम करना बंद कर देता है और व्यक्ति बेहोश हो जाता है। ऐसी घटनाओं में बचाव के लिए सिर्फ 10 मिनट का समय मिलता है। यदि इस दौरान मरीज की छाती पर तेजी से सीपीआर (दबाव) किया जाए तो कुछ और समय मरीज को मिल जाता है। हालांकि ज्यादातर मामलों में मरीज की जान बचाना बेहद कठिन होता है। डॉ.अरविंद ने कहा कि कम उम्र के लोगों में हृदयाघात के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन कोरोना से इसका कोई संबंध है या नहीं इस बात की वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है।
Tagsमध्य प्रदेश न्यूज़छतरपुर न्यूज़जनता से रिश्ता खबरदेशभर की बड़ी खबरताज़ा समाचारआज की बड़ी खबरआज की महत्वपूर्ण खबरहिंदी खबरजनता से रिश्ताबड़ी खबरदेश-दुनिया की खबरराज्यवार खबरहिंदी समाचारआज का समाचारबड़ा समाचारनया समाचारदैनिक समाचारब्रेकिंग न्यूजPublic relation newscountrywide big newslatest newstoday's big newstoday's important newsHindi newspublic relationbig newscountry-world newsstate-wise newstoday's newsbig NewsNew NewsDaily NewsBreaking News
Harrison
Next Story