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राज्य सरकार 90 हजार निजी नलकूपों के लिए किसानों को देगी अनुदान
पटना न्यूज़: राज्य सरकार असिंचिंत क्षेत्रों में सिंचाई की नई वैकल्पकि व्यवस्था देने के लिए नई योजना ला रही है. किसान अपने खेतों में पटवन के लिए निजी नलकूप लगा सकेंगे. इसमें राज्य सरकार किसानों को भरपूर अनुदान देने जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर लघु जल संसाधन विभाग इस योजना के प्रारूप को लगभग अंतिम रूप दे चुका है. मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के समक्ष दो दिन पूर्व ही इस नई योजना का प्रस्तुतीकरण विभागीय प्रमुख ने किया है. अब शीर्ष स्तर पर मंजूरी मिलने के साथ ही इसे लागू करने की तैयारी है. राज्य सरकार के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक सात निश्चय-2 के प्रमुख अवयव ‘हर खेत तक सिंचाई का पानी’ के तहत 90 हजार निजी नलकूपों के लिए राज्य सरकार अनुदान देगी. ये नलकूप 70 मीटर तक के होंगे. योजना लागू हुई तो 90 हजार निजी नलकूपों पर अनुदान के रूप में राज्य सरकार 630 करोड़ रुपए खर्च करेगी. अनुदान की व्यवस्था को एक तय समयसीमा (90 दिन) में लागू करने के लिए एनआईसी द्वारा पोर्टल का निर्माण अंतिम चरण में है. ऑनलाइन आवेदन मांगे जायेंगे और डीबीटी के माध्यम से अनुदान की राशि किसानों के खाते में जाएगी.
गौरतलब है कि लघु जल संसाधन विभाग द्वारा बिहार शताब्दी नलकूप योजना पहले से संचालित थी, लेकिन अनुदान कम होने और योजना की जटिलताओं से इसका फलाफल वैसा नहीं निकला है. इसीलिए नई योजना लायी जा रही है. इसके तहत किसान ऑनलाइन आवेदन कर स्वीकृति मिलने पर निजी बोरिंग कराकर अनुदान का लाभ पा सकेंगे. योजना के तहत असिंचिंत क्षेत्र के लघु, सीमांत कृषक, जिनके पास स्वयं के नाम से 0.40 एकड़ कृषि भूखंड हो, उन्हें ही लाभ मिलेगा. एक कृषक को एक ही बोरिंग एवं मोटर पम्प सेट के लिए अनुदान मिलेगा तथा न्यूनतम 15 मीटर गहराई तक बोरिंग करने पर ही यह लाभ दिया जाएगा.
50 से 80 फीसदी मिलेगा अनुदान: निजी नलकूप के लिए बोरिंग और मोटर पम्प सेट दोनों के लिए 50 फीसदी से 80 फीसदी का तक का अनुदान मिलेगा. बोरिंग कराने की लागत 1200 रुपए प्रति मीटर में सामान्य श्रेणी को 600 (50 फीसदी) रुपए, पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग को 840 (70 फीसदी) जबकि एससी-एसटी वर्ग को यह 960 (80 प्रतिशत) रुपए प्रति मीटर अनुदान दिया जाएगा. 2 एचपी, 3 एचपी और 5 एचपी के मोटर पम्प तथा समरसेबुल सेट जिनकी लागत क्रमश 20 हजार, 25 हजार और 30 हजार रुपए है, उसपर भी तीनों वर्ग के कृषकों को कोटिवार 50, 70 व 80 फीसदी का अनुदान दिया जाएगा.
पोर्टल पर आवेदन में ये कागजात जरूरी होंगे: भू धारकता प्रमाण पत्र, प्लॉट पर पहले से कोई बोरिंग उपलब्ध नहीं है, से संबंधित स्वघोषणा पत्र, आधार से लिंक आवेदन का बैंक खाता, आईएफसी कोड के साथ, आरक्षित श्रेणी के कृषकों को अनुमंडल पदाधिकारी से निर्गत जाति प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा