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मध्य प्रदेश
आजादी से जुड़ी कुछ ऐसी यादें, जिन्हें कभी नहीं भूलेंगे हिंदुस्तानी
Tara Tandi
15 Aug 2023 1:22 PM GMT

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15 अगस्त 1947 की सुबह... हर ओर हल्ला मचा हुआ था, हाथों में तिरंगा और नारे लगाते हुए टोलियां निकल रही थीं। लोग बताशे और बूंदी बांटकर खुशियां मना रहे थे। गली और चौराहों पर पतंगी कागज और गेंदे व चमेली के फूलों से सज्जा हो रही थी। हर जाति, धर्म और विचारधारा एक ही वेग में बह रही थी। घर, बाजार और सरकारी कार्यालयों में तिरंगे लहरा रहे थे।
स्वतंत्रता सेनानी योगेंद्र पाल और ज्वाला देवी के पोते विज आनंद अग्रवाल ने बताया कि उनके दादा-दादी बताते थे कि मेरठवासियों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार था। पहले ही घोषणा कर दी गई थी कि 15 अगस्त को देश आजाद होगा और तिरंगा फहराया जाएगा। उत्साह और जोश इतना था कि 14 अगस्त की रात 12 बजे ही शर्मा स्मारक में तत्कालीन शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राधे मोहन ने झंडा फहरा दिया। इस कार्यक्रम में 20 हजार से अधिक स्त्री पुरुष शामिल हुए। मेरठ में रहने वाले हर व्यक्ति को पता लग गया था कि अंग्रेज भारत को छोड़कर चले गए हैं। अब हम आजाद हैं।
इसके बाद 15 अगस्त को आजादी की हवा में सांस ले रहे लाखों मेरठ वासियों ने राष्ट्रीय उत्सव मनाया। सदर और लालकुर्ती जैसे बाजारों में फूल ही फूल पड़े थे। मकानों पर फूल मालाएं और पत्तियों की लड़ियां लगी थीं। कंपनी बाग में कांग्रेस युवा संगठन द्वारा मेले का आयोजन किया गया। सभी भवनों पर प्रकाश किया गया। मेरठ के लोगों ने एक साथ होली और दीपावली मनाई। विदेशी शासन में अंधकारमय युग का अंत हो गया था।
इतिहासकार केडी शर्मा ने बताया कि आजादी का सूरज नई उम्मीद लेकर आया था। शहर में कई स्थानों पर रैली निकाली गई। घंटाघर सजाया गया और टाउन हाल में भव्य आयोजन हुआ था। राष्ट्रध्वज फहराया गया।
1947 वाले लग्न में ही इस वर्ष भी स्वतंत्रता दिवस
भारत वेदों की भूमि है। साथ ही भारत में ही ज्योतिष की उत्पत्ति और विकास हुआ। भारत के लोग वर्षों से ज्योतिष पर दैनिक जीवन के हिस्से के रूप में भरोसा करते आए हैं। भारत को आजादी भी बहुत शुभ मुहूर्त में मिली। आजादी के समय मेष लग्न 27 अंश 54 कला पर, पुष्य नक्षत्र और चंद्रमा कर्क राशि में गोचर कर रहा था। उस समय श्रावण अधिक मास चतुर्दशी तिथि थी। इस वर्ष भी मेष लग्न लगभग बराबर से अंशों पर गोचरस्थ है। इस वर्ष मेष लग्न 27 अंश 32 कला पर है। चंद्रमा भी कर्क राशि में सूर्य के साथ होकर पुष्य नक्षत्र भी है। श्रावण अधिक मास कृष्ण चतुर्दशी भी है।
इंडियन काउंसिल ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल साइंस के सचिव आचार्य कौशल वत्स ने बताया कि अंग्रेजों ने 14 अगस्त को भारत को आजाद करने की घोषणा करने की तैयारी की थी। उज्जैन के हरदेव और सूर्य नारायण व्यास ने भारत के पहले राष्ट्रपति बनने वाले बाबू राजेंद्र प्रसाद को सूचित किया कि अंग्रेजों ने जो आजादी के लिए समय तय किया है वह ज्योतिषीय रूप से अशुभ है। अंग्रेजी अधिकारी चाहते थे कि अंग्रेज ही भारत पर राज करते रहे। ज्योतिषाचार्यों के आंकलन के बाद 15 अगस्त, 1947 को रात्रि 12:01 बजे आजादी का दिन निर्धारित किया गया। चंद्रमा इस समय अत्यंत अनुकूल पुष्य नक्षत्र में था। सभी नक्षत्रों में पुष्य को राजा माना जाता है। आधी रात को अभिजीत मुहूर्त जो किसी भी बड़े प्रयास को शुरू करने के लिए एक उत्कृष्ट क्षण था। उस समय, वृष लग्न का स्थिर चिन्ह जो राष्ट्र के लिए एक मजबूत नींव का प्रतीक बना।
ज्योतिष और भारत का राष्ट्रीय ध्वज
भारत के राष्ट्रीय ध्वज में सबसे ऊपर केसरिया रंग है। यह मंगल का रंग है और इसमें अग्नि तत्व का प्रधान होता है। आचार्य मनीष स्वामी ने बताया कि केसरिया और मंगल, साथ ही अग्नि तत्व, शक्ति, साहस और महिमा को दर्शाते हैं। केसर और पीले रंग के स्वर भी काफी समान हैं। यह बृहस्पति की असाधारण आध्यात्मिकता, बुद्धि, करुणा और उदारता को दर्शाता है। बुध का प्रिय रंग हरा है। हरे और बुध का रंग संयोजन दृढ़ विचार, बुद्धि, कारण और अभिव्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। सफेद रंग चंद्रमा द्वारा नियंत्रित होता है। चंद्रमा का संबंध मां से भी है और हमारे लिए भारत मातृभूमि है। चंद्रमा बुद्धि और भावनाओं का भी प्रभारी है। साथ में, चंद्रमा और सफेद रंग एक गहरी अंतर्निहित संस्कृति और परंपरा की विशेषताओं को व्यक्त करते हैं।
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