मध्य प्रदेश

खुले बोरवेल में गिरे छह साल के बच्चे को 46 घंटे के बाद भी जिंदा नहीं निकल सका ,दो अफसर निलंबित

Tara Tandi
14 April 2024 11:35 AM GMT
खुले बोरवेल में गिरे छह साल के बच्चे को 46 घंटे के बाद भी जिंदा नहीं निकल सका ,दो अफसर निलंबित
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रीवा : मध्य प्रदेश में खुले बोरवेल ने फिर एक बच्चे की जान ले ली। रीवा के त्योंथर स्थित जनेंह के मनिका गांव में बोरवेल के अंदर फंसा 6 वर्षीय मयंक आदिवासी की सांसें आखिरकार थम ही गईं। 46 घंटे के जद्दोजहद के बाद NDRF की टीम ने मयंक के शव को बाहर निकाल लिया। शुक्रवार दोपहर वह बोरवेल में गिर गया
बता दें कि घटना त्योंथर विधानसभा क्षेत्र के जनेंह स्थित मनिका गांव की है, जहां शुक्रवार दोपहर तकरीबन 3 बजे 6 वर्षीय मयंक आदिवासी घर से कुछ ही दूरी पर गेहूं के खेत अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिए गया हुआ था। तभी खेल-खेल में अचानक से वह एक सूखे बोरवेल में जा गिरा। दोस्तों ने घटना के जानकारी मयंक के परिजनों को दी। उन्होंने बोरवेल में झांक कर देखा तो मयंक के रोने के आवाज उन्हें सुनाई दी। उन्होंने खेत के मलिक हीरामनी मिश्रा को बुलाया जिसके बाद हीरामनी मिश्रा ने भी मयंक को रस्सी के सहारे निकालने का प्रयास किया पर वह निकल सका। बाद में हीरामणि वहां से चला गया पिता विजय कुमार का आरोप था की हीरामणि को कई बार फोन किया गया लेकिन उनका फोन बंद था।
घटना की सूचना पाकर प्रशासनिक अमले के साथ पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। घटनास्थल पर डॉक्टरों की टीम के साथ एम्बुलेंस भी तैनात हुई। मौके पर SDERF और बनारस से आई NDRF की टीम सहित आठ जेसीबी मशीनों द्वारा बोरवेल के पास से कुछ ही दूरी पर खुदाई का कार्य शुरू कराया गया था। तकरीबन 46 घंटे तक चले रेस्क्यू अभियान में मयंक को सही सलामत बाहर नहीं निकला जा सका। बोरवेल के अंदर फंसे मासूम मयंक की सांसें थम गईं। रेस्क्यू टीम ने रविवार की दोपहर तकरीबन 1 बजे मयंक के शव को बोरवेल से बाहर निकाला। डॉक्टरों की टीम मयंक के शव को लेकर अस्पताल पहुंची। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया।
कल से गायब है बोरिंग मालिक
जानकारी के मुताबिक जिस खेत में खुला हुआ बोरवेल छोड़ा गया था। हादसे के बाद खेत का मालिक गायब है। उधर सीएम भी लगातार रेस्क्यू के बारे में जानकारी लेते रहे।
चार लाख की मदद
सीएम मोहन यादव ने घटना पर शोक जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि रीवा जिले के मनिका गांव में बोरवेल में गिरे मासूम बच्चे मयंक को प्रशासन के लगातार और अथक प्रयासों के बाद हम नहीं बचा सके। मन अथाह दु:ख और पीड़ा से भरा है। ईश्वर दिवगंत आत्मा को शांति एवं परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। पीड़ित बच्चे के परिजनों को रेडक्रॉस की ओर से 4 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। दुख की इस घड़ी में, मैं और मध्यप्रदेश सरकार मयंक के परिजनों के साथ खड़े हैं। इस मामले में जवाबदेही तय करते हुए सीईओ जनपद त्योंथर एवं एसडीओ पीएचई त्योंथर को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। मेरा आप सभी से अनुरोध है कि ऐसे बोरवेल को ढंक कर रखें, ताकि इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।
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