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महाकाल लोक में सप्तर्षियों की छह नई मूर्तियां स्थापित की जाएंगी
मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के महाकाल लोक गलियारे में 15 और 20 अगस्त के बीच सप्तऋषियों की छह नई मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। शहर में तेज हवाओं के कारण 28 मई को सप्तऋषियों (सात ऋषियों) की सात में से छह मूर्तियाँ ढह गईं। महाकालेश्वर मंदिर के बाहर चारों ओर विकसित महाकाल लोक गलियारे में 10 फीट की ये मूर्तियां स्थित थीं। उज्जैन के जिलाधिकारी कुमार पुरुषोत्तम ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि फाइबर- प्लास्टिक (एफआरपी) से छह मूर्तियां मुंबई में तैयार की जा रही हैं और वे स्वतंत्रता दिवस से पहले उज्जैन पहुंच जाएंगी तथा उन्हें 15 और 20 अगस्त के बीच महाकाल लोक में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ठेकेदार और आपूर्तिकर्ता को सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली मूर्तियां भेजने के लिए कहा गया है।
उनका कहना था कि एक टीम ने मुंबई का दौरा किया है जहां मूर्तियां तराशी जा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों से कहा था कि जो मूर्तियां गिरने से क्षतिग्रस्त हो गईं उनकी मरम्मत कराने के बजाय नई मूर्तियां स्थापित की जाएं। करीब 900 मीटर लंबा ‘महाकाल लोक’ गलियारा पुरानी रुद्र सागर झील के चारों और फैला हुआ है। उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के आसपास के क्षेत्र के पुनर्विकास की परियोजना के तहत रुद्र सागर झील को पुनर्जीवित किया गया है। गलियारे के लिए दो भव्य प्रवेश द्वार-नंदी द्वार और पिनाकी द्वार बनाए गए हैं। यह गलियारा मंदिर के प्रवेश द्वार तक जाता है तथा मार्ग में मनोरम दृश्य पेश करता है। महाकाल मंदिर के नवनिर्मित गलियारे में 108 स्तंभ बनाए गए हैं, 910 मीटर का यह पूरा गलियारा इन स्तंभों पर टिका होगा।
महाकवि कालिदास के महाकाव्य मेघदूत में महाकाल वन की परिकल्पना को जिस सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है, सैकड़ों वर्षों के बाद उसे साकार रूप दे दिया गया है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 200 किलोमीटर दूर उज्जैन स्थित 856 करोड़ रुपये की महाकालेश्वर मंदिर गलियारा विकास परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन पिछले अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। पहले चरण में महाकाल लोक को 316 करोड़ रुपये में विकसित किया गया है।