मध्य प्रदेश

श्रीरामचंद्र पथगमन का न्यास हुआ गठित, अनुदान और दान भी लेगा न्यास

Harrison
13 Aug 2023 12:40 PM GMT
श्रीरामचंद्र पथगमन का न्यास हुआ गठित, अनुदान और दान भी लेगा न्यास
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भोपाल | लंबे समय इंतजार के बाद प्रदेश की भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव के ठीक पहले रामपथ गमन के निर्माण के लिए कवायद शुरु कर दी है। सरकार ने श्रीरामचंद्र पथगमन न्यास का गठन कर दिया है। मुख्यमंत्री इस न्यास के अध्यक्ष बनाए गए है। न्यास के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए शासन और अन्य स्रोतो से अनुदान या दान भी न्यास ले सकेगा इसके लिए प्राप्त राशि अलग से बैंक खाते में जमा की जाएगी।
संस्कृति विभाग ने इस न्यास का गठन किया है। यह न्यास श्रीराम पथगमन के अंतर्गत राज्य की सीमा के अंदर चिन्हांकित स्थलों एवं स्थानों के आध्यात्मिक-सांस्कृतिक रचनात्मक विकास हेतु परामर्श देगा। युवा पीढ़ी को श्रीरामचंद्र की जीवन गाथा और उनके पथगमन क्षेत्र की महत्ता से अवगत कराते हुए गंतव्य स्थलों से भावनात्मक रूप से जोड़ने की योजनाएं यह लोक न्यास परिकल्पित करेगा। विभिन्न निर्माण एवं अधोसंरचना विकास विभागों के समन्वय से लोक न्यास श्रीरामचंद्र पथगमन में श्रीरामचंद्र के पदचिन्हों वाले स्थानों का सांस्कृतिक तथा पर्यटन की दृष्टि से विकास, संरक्षण एवं संवर्धन करेगा। इस न्यास में 33 सदस्य रखे गए है।
राज्य शासन द्वारा श्रीरामचंद्र के जीवन दर्शन, श्रीरामचंद्र के शोध से जुड़े ख्यातिप्राप्त पांच विद्वत सदस्यों को न्यासी सदस्य के रुप में राज्य शासन द्वारा नामांकित किया जाएगा। न्यास में मुख्यमंत्री अध्यक्ष होंगे जबकि संस्कृति मंत्री उपाध्यक्ष होंगी। शेष न्यासियों में मुख्य सचिव के अलावा वित्त, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, नगरीय विकास एवं आवास, जनसंपर्क, पर्यावरण, पर्यटन, लोक निर्माण विभाग के सचिव शामिल होंगे।
भोपाल में होगा ऑफिस
श्री रामचंद्र पथगमन न्यास का पूर्णकालिक कार्यालय भोपाल में होगा और जरुरत के मुताबिक अन्य जगहों पर भी कार्यालय खोले जाएंगे। न्यास के उद्देश्यों के क्रियान्वयन तथा रोजाना की प्रशासनिक एवं वित्तीय गतिविधियों का संचालन एवं समन्वय मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा किया जाएगा। संचालक संस्कृति संचालनालय पदेन मुख्य कार्यपालन अधिकारी रहेंगे।
कोष बनेगा
श्री रामचंद्र पथगमन न्यास के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए शासन और अन्य स्रोतों से दान या अनुदान लेने एक कोष भी बनाया जाएगा। इसमें प्राप्त राशि अलग से बैंक खातें में जमा की जाएगी। न्रूास अपनी निधि से राशि एकत्र कर खर्च करने की मंजूरी देगा और उसके लिए न्यास नियम, प्रावधान निर्धारित करेगा।
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