मध्य प्रदेश

'विजयी विश्व तिरंगे प्यारा' पर शिवराज मामा की पाठशाला! बच्चों के साथ बड़े बड़ों को सिखा गए मास्टर CM

Shantanu Roy
10 Aug 2022 6:42 PM GMT
विजयी विश्व तिरंगे प्यारा पर शिवराज मामा की पाठशाला! बच्चों के साथ बड़े बड़ों को सिखा गए मास्टर CM
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भोपाल। एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि "विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा, इसकी शान न जाने पाए, चाहे जान भले ही जाए" यह केवल गीत नहीं आजादी की लड़ाई का मंत्र था। भारत सांस्कृतिक रूप से सदा से ही एक रहा है। हमारे देश का गौरवशाली इतिहास रहा है। भारत की समृद्धि की चर्चा पूरी दुनिया में होती थी। इसी के परिणामस्वरूप पुर्तगाली, डच, अंग्रेज आदि कई विदेशी शक्तियां भारत आईं और हमें आपसी फूट के कारण गुलाम होना पड़ा। अंग्रेजों के खिलाफ भारत में वर्ष 1761 में संयासी विद्रोह और फकीर विद्रोह से संघर्ष आरंभ हुआ। पहला स्वतंत्रता संग्राम 1857 में अमर शहीद मंगल पांडे ने आरंभ किया था। स्वतंत्रता के लिए चले लंबे संघर्ष में अनेकों शहीदों के बलिदान के परिणामस्वरूप हमारा देश स्वतंत्र हुआ। स्वतंत्रता की इस लड़ाई में हमारे ध्वज का बहुत महत्व रहा।
मुख्यमंत्री भोपाल के मॉडल स्कूल में "शिवराज मामा की पाठशाला" को संबोधित कर रहे थे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कक्षा में उपस्थित विद्यार्थियों को "हर घर तिरंगा" अभियान, स्वतंत्रता संग्राम, राष्ट्रीय ध्वज की विकास गाथा और तिरंगा फहराने के नियमों की जानकारी दी। माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष वीरा राणा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरूण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण अभय वर्मा, संचालक राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू एस उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्‍वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सीएम ने मॉडल स्कूल भोपाल द्वारा "हर घर तिरंगा" अभियान के लिए विकसित लीफलेट का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि अब देश के लिए मरने की नहीं, जीने की जरूरत है। देश के प्रति समर्पण के साथ पर्यावरण-संरक्षण और समाज-कल्याण की गतिविधियों के साथ जुड़ने के लिए मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया था। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में खेल के लोक व्यापीकरण के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्रता संग्राम की संक्षिप्त जानकारी देते हुए महात्मा गांधी, बालगंगाधर तिलक, शहीदे आजम भगत सिंह, वीर सावरकर, चाफेकर बंधु, चंद्रशेखर आजाद, पं. रामप्रसाद बिस्मिल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान और जलिया वाला बाग सहित सविनय अवज्ञा आन्दोलन आदि पर प्रकाश डाला।
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