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मध्य प्रदेश
Shahdol: मेडिकल कॉलेज तिराहा बना डेथ पॉइंट, आए दिन भयानक हादसे, MPRDC की लापरवाही
Tara Tandi
1 Sep 2023 10:24 AM GMT
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मध्यप्रदेश के शहडोल में नए हाईवे के बनते ही आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। जिसके पीछे एमपीआरडीसी द्वारा सड़क निर्माण के दौरान की गयी लापरवाही सामने आई है। जिसका खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज चौराहे में आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं।
शुक्रवार तड़के फिर एक सड़क हादसा हुआ। जिसमे सफेद रंग की कार मेडिकल कॉलेज से मरीज को छोड़कर वापस बस स्टैंड की ओर जा रही थी तभी तेज और लापरवाही पूर्वक बुढार से शहडोल की ओर आ रहे ट्रक ने उसे टक्कर मार दी। इस हादसे मे कार में सवार चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। वहीं, कार भी बुरी तरह छाति ग्रस्त हो गयी। इस हादसे में हाईवे के ठीक बगल में एक इडली का ठेला लगा हुआ था। ट्रक ने जब कार को टक्कर मारी तो कार ठेले से जा टकराई। जिससे ठेला भी पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसमें ठेला मालिक का भी हजारों का नुकसान हुआ है।
हाईवे और मेडिकल कॉलेज जाने वाले मार्ग पर जो चौराहा बना हुआ है, वह पूरी तरीके से खतरनाक है। कई बार हादसे हो चुके हैं। सडक पर कहीं भी लाइनिंग और मार्किंग नहीं की गयी है। एमपीआरडीसी के साथ-साथ यातायात विभाग भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जिसकी वजह से आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं और लोगों की जान जा रही हैं।
हाईवे और मेडिकल जाने वाले मार्ग पर जो चौराहा है, चारों तरफ कहीं पर भी साइन बोर्ड नहीं लगाया गया है। जिसकी वजह से गुजरने वाले वाहन चालकों को दूर से इस बात की कोई जानकारी नहीं मिल पाती है, कि आगे चौराहा है, जिसकी वजह से चालक अपनी गति कम नहीं करते और सीधे वाहनों से टक्कर हो जाती हैं।
कई लोगों की जा चुकी है जान
मेडिकल कॉलेज चौराहे पर कई बार हादसे हुए हैं और कई बार लोगों की जान चली गई हैं। दो ट्रैकों की भिड़ंत में दो लोगों की कुछ समय पहले मौत हो गई थी, जिसके बाद स्कूटी में सवार एक डॉक्टर की भी इसी चौराहे के समीप दर्दनाक मौत हो गई थी। कई बार चौराहे में हुए हादसे की वजह से कई लोग घायल हुए हैं, लेकिन विभाग इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
संभाग के लोग पहुंचते हैं मेडिकल कॉलेज
एमपी आरडीसी एवं यातायात विभाग सब कुछ जानकर अनजान बना हुआ है। दूर-दराज से लोग यहां मेडिकल कॉलेज पहुंचते हैं कि वह उपचार कर सके लेकिन खतरनाक चौराहे से उन्हें होकर गुजरना पड़ता है। गुजरने वाले लोगों की मौत कब आ जाए; इस बात की जानकारी भी उन्हें नहीं रहती है। कई बार इलाज कराने आए मरीज भी इसी चौराहे में सड़क हादसे का शिकार हो चुके है। वह इलाज कराने आए थे, लेकिन सड़क हादसा हो गया, इसके बाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती कर उनका उपचार किया गया है।
मेडिकल कॉलेज जाने के लिए यह एक मात्र मुख्य मार्ग है। लेकिन हाइवे से मेडिकल कॉलेज लिंक रोड पर जो चौराहा खतरनाक है, वह जानलेवा साबित हो रहा है। मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी भी यहां से गुजरते हैं। कई बार कर्मचारी भी सड़क हादसे का शिकार हो चुके हैं। मेडिकल कॉलेज सुबह दोपहर और रात में डॉक्टर और स्टाफ का आना-जाना बना रहता है। लेकिन खतरनाक चौराहे से गुजरना उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। स्टाफ के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज में उमरिया, शहडोल, अनूपपुर से पहुंचे ग्रामीण लोगों को भी अपने इलाज के लिए यहां आना पड़ता है। चौराहा बनाया गया, लेकिन सही मापदंडों से इसे नहीं बनाया गया है। जिसकी वजह से आए दिन सड़क हादसे होते जा रहे हैं।
हाइवे पर कहीं भी लाइन और मार्किंग नहीं की गयी है। जबकि नियमानुसार सडक निर्माण करने वाली कंपनी को ऐसा करना चाहिए था। साथ ही हाइवे से लिंक रोड मे तो मार्किंग बहुत ही जरूरी है। लिंक रोड वाले हाइवे मे डिवाईडर भी बनाया जाना चाहिए था। हम अपने स्तर पर वहाँ पर सुरक्षा की दृष्टि से बैरकेटर लगवा देंगे, ताकि इन हादसों पर कुछ कमी आ सके।
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