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राजधानी में एक साल में बढ़ गए मधुमेह के सात प्रतिशत मरीज
भोपाल न्यूज़: राजधानी के न सिर्फ शहरी बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी तेजी से मधुमेह के मरीज बढ़ रहे हैं. कम शारीरिक गतिविधि और खराब खानपान इसके प्रमुख कारण हैं. शहर तीन बड़े अस्पतालों में पिछले एक साल में 5 से 7 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं.
एम्स, हमीदिया और जेपी अस्पताल में 2021 से 2022 के बीच लगभग 9 हजार 300 के करीब मरीज पहुंचे. जबकि, साल 2022 से 2023 में यह आंकड़ा नौ हजार आठ सौ के करीब रहा.
शहरीकरण, खराब जीवनशैली, मोटापा समेत अन्य कारणों से डायबिटीज के मरीज बढ़ रहे हैं. सप्ताह में डेढ़ से दो घंटे कम से कम एक्सरसाइज और खानपान का विशेष ध्यान रखकर इस पर कंट्रोल किया जा सकता है. साथ ही रेगुलर चेकअप भी जरूरी है.
डॉ.योगेंद्र श्रीवास्तव, मेडिसिन विशेषज्ञ
सरकारी अस्पतालों के आंकड़ों के अनुसार 30 से 40 साल के बीच वाले मधुमेह मरीजों का हर साल इलाज का खर्च लगभग 6 हजार है. 40 से 50 साल के मरीजों में यह खर्च 9 हजार और 50 साल से अधिक आयु वालों में इंसुलिन, अन्य समस्याओं से यह खर्च बढ़कर 12 से 20 हजार के करीब पहुंच जाता है.