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अंधेरे कमरे में स्क्रीन देखने से आंखों में जल्दी समस्या होती, क्या है स्मार्टफोन विजन सिन्ड्रोम
भोपाल न्यूज़: मोबाइल कम्प्यूटर लैपटॉप हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन गए हैं. स्मार्टफोन लोगों के बिजनेस का अहम टूल हैं. ऐसे में लोगों का स्क्रीन टाइम काफी बढ़ गया है. इनका असर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. हाल ही हैदराबाद में आए एक मामले ने सभी को हैरान कर दिया है जिसमें रात को अंधेरे में मोबाइल लगातार देखने से एक महिला की आंखों की रोशनी चली गई. इस घटना ने कई सवाल पैदा किए हैं. अब स्मार्टफोन विजन सिन्ड्रोम के मामले अधिक सामने आ रहे हैं.
जब आप मोबाइल स्क्रीन पर ज्यादा लंबे समय तक लगातार देखते हैं या दिनभर में अधिकतर समय मोबाइल स्क्रीन का उपयोग करते हैं तो नजर कमजोर होने की आशंका बढ़ जाती है. इसे स्मार्टफोन विजन सिन्ड्रोम कहते हैं. रात को अंधेरे में मोबाइल का प्रयोग आंखों के लिए बिल्कुल उचित नहीं है.
मोबाइल फोन, टैबलेट, कम्प्यूटर का प्रयोग करने वाले लोगों में यह समस्या अधिक बढ़ी है.
कैसे पहचानें
सप्ताह में एक दिन छोटा सा टेस्ट अवश्य करें. उसके लिए कागज में बनी कोई भी समानान्तर रेखाओं को गौर से देखे. यदि उसमें कोई विकृति आपको महसूस होती है तो समझें कि नजर कमजोर हो रही है. विजन में स्पॉट्स, जिग-जैग लाइनें, किसी चीज पर फोकस कर पाने में परेशानी हो तो अलर्ट हो जाएं.
क्या बरतें सावधानियां
जरूरत पड़ने पर ही मोबाइल का उपयोग करें.
कमरे में अंधेरा है तो मोबाइल पर काम न करें.
डिजिटल स्क्रीन का उपयोग करें तो 20-20-20 नियम फॉलो करें जिसमें 20 फीट दूर किसी चीज को देखने के लिए हर बीस मिनट में बीस सेकंड का ब्रेक लें.
क्यों होता है यह रोग
रेटिना में एक छोटा लेकिन बेहद महत्त्वपूर्ण भाग होता है मैक्युला. यह हिस्सा हमें दूर की वस्तुओं और रंगों को देखने में सहायता करता है. इंफ्रा रेड और अल्ट्रा वॉयलेट किरणों का इस पर बुरा असर पड़ सकता है. इसकी वजह से आखों की रोशनी प्रभावित होती है.
- डॉ सुभाष मिश्रा, आई स्पेशलिस्ट, रायपुर