मध्य प्रदेश

SDREF सेना को मिली सफलता, 8 घंटे चला रेस्क्यू, बोरवेल में गिरे बच्चे को बाहर निकाला गया

Admin4
29 Jun 2022 6:16 PM GMT
SDREF सेना को मिली सफलता, 8 घंटे चला रेस्क्यू, बोरवेल में गिरे बच्चे को बाहर निकाला गया
x

छतरपुर। छतरपुर के ओरछा राेड स्थित नारायणपुरा गांव में बोरवेल में गिरे 5 साल के मासूम दीपेंद्र को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. 8 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद दीपेंद्र को रस्सी के जरिए बाहर निकाला गया. दीपेंद्र को इलाज के लिए एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेजा गया है. मासूम दीपेंद्र बुधवार दोपहर खेत में खेलते बाेरवेल में गिर गया. जब बच्चा काफी देर तक दिखाई दिया तब उसकी तलाश शुरू की गई. तभी लोगों को बोरबेल से बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी. घटना के बाद तुरंत इसकी जानकारी पुलिस और प्रशासन को दी गई. मासूम बोर बेल में 30 से 40 फीट की गहराई पर फंसा हुआ था. बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए कुछ ही देर में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया. इस दौरान सीएम शिवराज सिंह ने मामले का संज्ञान लेते हुए प्रशासन को निर्देश भी दिए थे कि रेस्क्यू में किसी तरह की कोई कमी नहीं रहनी चाहिए.

बारिश रुकते ही ऑपरेशन में आई तेजी: बारिश के रुकते ही मौके पर मौजूद SDERF ने रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया है. बोरवेल के आसपास बारिश का पानी न पहुंचे इसके लिए बोर के ऊपर छतरी नुमा स्ट्रक्चर बनाया गया. साथ ही जिस जगह से बच्चे तक पहुंचने के लिए सुरंग बनाई जा रही वहां भी तिरपाल बिछाया गया. बोरबेल में फंसे मासूम को लगातार ऑक्सीजन की सप्लाई और खाने पीने की चीजें पहुंचाई जा रही थीं. आर्मी के जवानों ने भी मोर्चा संभाला. बच्चे के पास तक पहुंचने के लिए बोरवेल के साथ ही एक सुरंग बनाई गई थी जिसमें दीपेंद्र के दिखाई देने के बाद उसे रस्सी के सहारे बाहर निकाल लिया गया.

बारिश ने बढ़ाई थी परेशानी: घटना की जानकारी मिलने के बाद रेक्स्यू टीम माैके पर पहुंच गई थी. बच्चे को बाहर निकालने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. ओरछा रोड स्थित गांव नारायणपुरा-पठेपुरा निवासी अखिलेश यादव का 5 वर्षीय पुत्र दीपेंद्र यादव खेत में खेल रहा था. अपने काम में लगे परिजनाें का काफी देर तक उसपर ध्यान नहीं गया इस दौरान इसी दाैरान वह खेलते-खेलते बोरवेल के करीब पहुंच गया और उसमें जा गिरा. परिजनाें ने तत्काल जिला प्रशासन एवं पुलिस काे सूचना दी. रेस्क्यू टीम ने बच्चे काे बाहर निकालने के प्रयास शुरू किए . तभी बारिश खेत में बने बाेरवेल से बच्चे काे बाहर निकालना रेस्क्यू टीम की परेशानी बढ़ाने लगी. बारिश का पानी बोरवेल या उसके आसपास न पहुंचे इसके लिए तिरपाल लगाया गया और बोरवेल के ऊपर छतरी बनाई गई.





Next Story