- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- मप्र में आयुष्मान...
मध्य प्रदेश
मप्र में आयुष्मान योजना में घेटाला, कांग्रेस ने की जांच की मांग
Rani Sahu
21 April 2023 8:24 AM GMT
x
भोपाल, (आईएएनएस)| देश में गरीब तबके के लिए चलाई जा रही आयुष्मान भारत योजना में मध्य प्रदेश में बड़ा घोटाला हुआ है। यह आरोप कांग्रेस ने लगाया है और इस मामले की एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा और प्रवक्ता अमिताभ अग्निहोत्री ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में भाजपा शासन के संरक्षण में चिकित्सा के क्षेत्र में "आयुष्मान भारत योजना" में अरबों रुपए का घोटाला हो रहा है। आयुष्मान पोर्टल के अनुसार प्रदेश में 627 निजी अस्पतालों में से अनियमितता के कारण 422 आयुष्मान अस्पतालों को निलम्बित किया जा चुका है, जबकि मध्यप्रदेश शासन ने विधानसभा में अनियमितता करने वाले मात्र 154 अस्पतालों की सूची दी है।
कांग्रेस नेताओं ने सवाल किया कि अनियमितता करने वाले अस्पतालों एवं अनियमितता को संरक्षण देने वाले अधिकारियों, नेताओं पर शासन ने एफआईआर दर्ज क्यों नहीं करायी है? इससे आशंका है कि इस अरबों रुपए के घोटाले को राज्य की भाजपा सरकार पूर्ण संरक्षण दे रही है एवं गरीब जनता के स्वास्थ्य के लिए निर्धारित की गई राटि में महाघोटाला किया जा रहा है।
कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार की ओर से 506 निजी अस्पतालों में इस योजना के तहत इलाज का जिक्र किया, पांच लाख 16 हजार 589 मरीजों के उपचार पर 16 अरब 10 करोड़ 32 लाख 40 हजार रुपए की राशि खर्च होने की बात कही। इसमें से 154 चिकित्सालयों में गड़बड़ी का भी हवाला दिया। वहीं एक अन्य सवाल में अलग जानकारी दी गई।
कांग्रेस नेताओं का दावा है कि उनकी ओर से आयुष्मान की वेबसाइट से जो जानकारी निकाली, उसमें निलम्बित अस्पतालों की सूची 422 बताई गई है, जिसमें 84 अस्पताल भोपाल के, प्रॉफिट के आयुष्मान अस्पताल 545 एवं नॉन प्रॉफिट के आयुष्मान अस्पताल 82 बताये गये हैं। जिन अधिकारियों, नेताओं के सरंक्षण में यह 422 अस्पतालों ने अनियमितताएं की, उन अधिकारियों, नेताओं के विरूद्ध एफआईआर क्यों नहीं कराई? जेल क्यों नहीं भेजा? कोर्ट में केस दायर क्यों नहीं किया? इतना ही नहीं, जिन अधिकारियों ने विधानसभा में गलत जानकारी दी, उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही क्यों नहीं की?
--आईएएनएस
Next Story