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इंदौर। दस हजार से ज्यादा किसानों के विकास के लिए बनी 40 करोड़ की संस्था में घोटाला सामने आया है। खरगोन और गुजरात के आरोपितों ने किसानों के रुपयों के साथ पूरी संस्था पर ही कब्जा कर लिया। संस्था पदाधिकारियों की शिकायत पर जांच हुई और सात आरोपितों पर केस दर्ज किया गया। क्राइम ब्रांच टीआइ धनेंद्रसिंह भदौरिया के मुताबिक कामोद पोस्ट चाचरिया सेंधवा निवासी भीमनायक कृषक उत्थान समिति के अध्यक्ष प्रकाश बारेला की शिकायत पर फेयरशर्ट सर्टिफिकेशन सर्विसेस प्रालि के डायरेक्टर हिमांशु पाठक (खरगोन), सोशल सर्टिफिकेट सर्विसेस प्रालि के डायरेक्टर तुषार पाठक, पत्नी शुभा, मां वसुंधरा (तीनों खरगोन), कुशल पटेल (अहमदाबाद, गुजरात), अर्पित वनकर (खरगोन) और दिलीप राठौर (कसरावद, खरगोन) के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
प्रकाश के मुताबिक गरीब लघु किसानों के विकास के उद्देश्य से वर्ष 2013 में संस्था गठित की थी। किसानों ने जैविक खेती करने का फैसला लिया और खरगोन, खंडवा, बड़वानी, धामनोद, बुरहानपुर, धार, नीमच, मंदसौर, झाबुआ, आलीराजपुर के 10 हजार से ज्यादा किसानों के 21 से ज्यादा समूह बनाए। आरोपितों ने किसानों से संपर्क कर बताया कि उनकी कंपनी टीक्यूशर्ट एवं फेयरशर्ट जैविक प्रामाणीकरण मान्यता प्राप्त है। किसानों को जैविक उत्पादन और प्रामाणीकरण का प्रलोभन दिया। आरोपितों ने किसानों से कहा कि प्रामाणीकरण का कार्य एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथारिटी (एपिडा) वाणिज्य मंत्रालय (दिल्ली) से होता है।
किसानों के कम पढ़े-लिखे होने का फायदा उठाया और संस्था के ई-मेल, आइटी ट्रेसनेट, यूजरनेम और पासवर्ड ले लिए। आरोपितों ने संस्था के सारे अधिकार अपने पास ले लिए और दस्तावेजीकरण, प्रामाणीकरण, आडिट और निरीक्षण करने लगे। वर्ष 2019 में 15 समूहों के किसान नेशनल आर्गेनिक प्रोग्राम (एनओपी) में शामिल हो गए। आरोपितों ने बाजार भाव का अनुभव और कम पढ़े लिखे होने का बोलकर धोखे से संस्था व समूह का कपास और सोयाबीन बेच दिया। आरोपितों ने किसानों के हस्ताक्षर करवाकर पूरी संस्था पर ही कब्जा कर लिया। किसानों को दुबई के डान के नाम से धमकाया। आरोप है कि फर्जीवाड़े में मेहसाना (गुजरात) की रेखा बहन पटेल, विवेक जैन, अम बाई सहित कुशल पटेल, लोकेश उर्फ लकी मंडलोई भी शामिल हैं। संस्था से कमाया रुपया हवाला के जरिये दुबई भेजने का भी आरोप है।
टीआइ लाइन अटैच
क्राइम ब्रांच थाने के टीआइ धनेंद्रसिंह भदौरिया को पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र ने लाइन अटैच कर दिया। टीआइ ने फर्जी काल सेंटर संचालक करण भट्ट को हवालात में रखने से इन्कार कर दिया था। जिला विशेष शाखा के एसआइ लोकेंद्र ने करण को दो साथियों के साथ उत्तराखंड से पकड़ा था। टीआइ ने अवैध हिरासत का आरोप लगाया था। एसआइ ने डीसीपी (अपराध) निमिष अग्रवाल से बात करने को कहा, लेकिन टीआइ ने मना कर दिया।
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