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बोला- गेम डेवलपर बनना है, उज्जैन से 55 KM साइकिल चलाकर इंदौर पहुंचा
मां ने फ्री फायर गेम खेलने से मना क्या किया, 13 साल का बच्चा इतना नाराज हो गया कि वह घर से भाग गया। बैग में कपड़े भरे और साइकिल से निकल पड़ा। मां का मोबाइल भी साथ ले गया। बच्चा 55 किमी साइकिल चलाकर उज्जैन से इंदौर पहुंच गया। जब पुलिस उस तक पहुंची तो बोला- मैं मुंबई जा रहा हूं, मुझे गेम डेवलपर बनना है। मम्मी ने गेम डिलीट करा दिया था।
CSP विनोद मीणा ने बताया कि मंगलवार को 8th क्लास का स्टूडेंट कैलाश अंपायर कॉलोनी से लापता हो गया था। वह घर से साइकिल से मेन रोड तक आने के लिए निकला, जहां स्कूल बस आना थी। पीछे-पीछे मां पैदल चलकर पहुंचीं। मां जब मेन रोड पर पहुंची तो वहां बेटा नहीं दिखा। उन्होंने घर लौटकर देखा तो वहां भी नहीं मिला। उनका मोबाइल भी घर पर नहीं था। आसपास तलाश की, कुछ पता नहीं चला तो पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने नाके के CCTV फुटेज देखे। जिसमें वह साइकिल से इंदौर जाता हुआ दिखाई दिया। पुलिस ने बच्चे की मां की मोबाइल लोकेशन की ओर टीम रवाना की। पुलिस इंदौर के मरीमाता चौराहे से उसे खोज लाई।
बैग में कपड़े रखकर घर से निकला
बच्चे ने पुलिस को बताया, मां ने मोबाइल पर गेम खेलने को लेकर डांटा था। गेम भी डिलीट करा दिया था। गुस्सा होकर स्कूल बैग में अपने कपड़े और मां का मोबाइल रख साइकिल से निकल गया। इंदौर से मुंबई जाऊंगा, गेम डेवलपर बनना है। इस पर पुलिस ने उसे छोटी उम्र का हवाला देकर समझाया कि जो भी बनना चाहते हो, 18 साल की उम्र के बाद करना। पुलिसकर्मियों ने उसकी साइकिल जीप में रखी व बालक को गाड़ी में बैठाकर उज्जैन लाए। इसके बाद बच्चे को पेरेंट्स के सुपुर्द किया।