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- कहा- रामराजा की नगरी...
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का शराब को लेकर विरोध किसी से छुपा नहीं है. वो प्रदेश में शराबंदी को लेकर कई बार शिवराज सरकार को भी घेर चुकी हैं. अब एक बार फिर उमा भारती (Uma Bharti) ने शराब दुकान पर गोबर फेंक कर अपना विरोध जताया है. उन्होंने राम राजा की नगरी से पूरे देश में प्रसिद्ध ओरछा (Orchha) में स्थित शराब की दुकान पर गोबर फेंका हैं. साथ ही उमा भारती ने कहा है कि राम की नगरी में शराब बर्दाश्त नहीं की जाएगी. बता दें कि शराब की ये दुकान ओरछा में घुसते ही मुख्य सड़क मार्ग पर खुली है. जिसका लंबे समय से स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. इससे पहले उमा भारती ने भोपाल में शराब की दुकान पर पत्थर फेंका था.
उमा भारती ने ट्वीट कर दी जानकारी
इस बात की जानकारी खुद उमा भारती ने मंगलवार की रात ट्वीट कर दी. भारती ने कहा कि ओरछा के मुख्य प्रवेश द्वार पर स्थित शराब की दुकान गलत है. यह दुकान यहां से दूर एक गांव के लिए स्वीकृत है. इसके खिलाफ लोगों और हमारे संगठन के सदस्यों ने लगातार विरोध प्रदर्शन किया है, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि लोगों ने सरकार को ज्ञापन सौंपे हैं. बार-बार प्रशासन से इस दुकान को हटाने की अपील की गई. उन्होंने कहा कि इस दुकान के खिलाफ लोगों की प्रतिक्रिया को अपराध नहीं कहा जा सकता, क्योंकि धार्मिक स्थल पर शराब दुकान खोलना सबसे बड़ा अपराध है.
लंबे समय से कर रही हैं शराब बंदी की मांग
बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती प्रदेश में शराबबंदी की मांग लंबे समय से कर रही हैं. वो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी इसकी मांग कर चुकी हैं. उनकी मांग को पक्ष-विपक्ष के कुछ विधायकों का तो साथ मिला लेकिन सरकार का नहीं. जिस वजह से अब उमा भारती ने खुद ही शराब दुकान को लेकर अपनी मुहिम को तेज कर दिया है. उन्हे जहां गलत जगह शराब दुकान दिखती है वो उसका विरोध करती हैं. ऐसा ही कुछ ओरछा में हुआ.
ओरछा में उमा भारती शराब की एक दुकान पर पहुंचीं. और दुकान पर उन्होंने गोबर फेंकर मारा. साथ ही उन्होंने कहा 'मैं रामराजा सरकार से क्षमा याचना करती हूं कि शराबबंदी का मैंने पूरे जोर से विरोध नहीं किया. आज मैंने विरोध किया है. उमा भारती ने साफ कहा मुझे विश्वास है कि जो कहा वह हो जाएगा. लेकिन वह हुआ नहीं'.
'शराब दुकान देखकर मुझे अपने आप पर शर्म आ रही है'
उमा भारती कहा कि अयोध्या के बराबर पावन मानी जाने वाली ओरछा नगरी में जब रामनवमी पर दीपोत्सव हुआ, पांच लाख दिये जले, मुख्यमंत्री थे तथा मैं भी थी, तब भी यह शराब की दुकान उस पावन दिन पर भी खुली हुई थी. उन्होंने लिखा, आज जब मैंने कुछ लोगों से पूछा कि यह आपकी कैसी रामभक्ति है जिसमें राम नगरी के दरवाजे पर ही आते जाते पर्यटकों को शराब पीने का आह्वान किया जा रहा है तो मुझे जो जानकारी मिली वह दुखद है कि हमारी विचारधारा से जुड़े हुए सभी संगठन के लोगों ने यहां इस दुकान को बंद करने के लिए धरने प्रदर्शन किए हैं फिर भी दुकान खुल गई. रामनवमी पर भी खुली हुई थी, आज भी खुली हुई है मुझे अपने आप पर शर्म आ रही है.
शराब की दुकान दे रही है हमारी रामभक्ति को चुनौती
उमा भारती ने कहा, पवित्र गौशाला की गाय का थोड़ा सा गोबर मैंने शराब की दुकान पर छिड़क दिया है. शराब बंदी केा सामाजिक अभियान बताते हुए उमा भारती ने कहा है कि शराबबंदी राजनीतिक नहीं सामाजिक अभियान है. समाज की शक्ति और एकता से ही इसका समाधान होगा, किंतु ओरछा के दरवाजे पर रामराजा सरकार के दर्शन के लिए आते और जाते हुए यह शराब की दुकान हमारी रामभक्ति को चुनौती दे रही है