मध्य प्रदेश

गंगा-यमुना को स्वच्छ बनाने प्रदेश की नदियों को किया जाएगा साफ

Admin Delhi 1
29 July 2023 10:26 AM GMT
गंगा-यमुना को स्वच्छ बनाने प्रदेश की नदियों को किया जाएगा साफ
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भोपाल न्यूज़: नमामी गंगे परियोजना के अंतर्गत गंगा-यमुना और उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ बनाने पर काम किया जा रहा है. गंगा को साफ करने पर उत्तराखंड, यूपी, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल तो काम कर रहे हैं. साथ ही मप्र, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा को भी गंगा-यमुना बेसिन की नदियों के चलते परियोजना में शामिल किया गया है. मप्र पहला ऐसा राज्य है जो इसकी कमेटी बनाकर इसकी बैठक करने जा रहा है. इसके अंतर्गत यमुना की 8 सहायक नदियों को साफ करने पर एक्शन प्लान तैयार किया गया है. अगले चरण में इनकी अन्य सहायक नदियों को भी शामिल किया जाएगा.

स्टेट गंगा कमेटी की पहली बैठक मंत्रालय में होगी. इसका अध्यक्ष मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को बनाया गया है. प्रोजेक्ट के तहत यमुना की आठ सहायक नदियों को शामिल किया गया है. इसमें बेतवा, चंबल, गंभीर, गोधर, कालीसिंध, केन, पार्वती और सिंध नदी को शामिल किया गया है. स्टेट गंगा कमेटी में दस सदस्य रहेंगे. वित्त, वन, नगरीय प्रशासन, पीएचई, जल संसाधन, पर्यावरण, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जैसे विभागों को शामिल किया गया है. इसमें पांच मेंबर पदेन और पांच मेंबर्स विशेषज्ञ होंगे. सभी विभागों ने नदियों को स्वच्छ बनाने को लेकर एक्शन प्लान तैयार कर लिया है.

कटाव रोकने पौधरोपण

वन विभाग की योजना के अनुसार पांच साल में 48048 हेक्टेयर में नदियों के किनारे पौधे रोपे जाएंगे. इस पर करीब 542.23 करोड़ खर्च आएगा. इससे मिट्टी का कटाव रुकेगा. पेड़ों से पानी भी स्वच्छ होगा. वन विभाग के 18 डिविजन मिलकर कैचमेंट का ट्रीटमेंट करेंगे.

यनुना बेसिन में 34 जिले: ये नदियां प्रदेश के 34 जिलों से होकर गुजरती हैं. केंद्र ने 11 जुलाई 2017 में कमेटी बनाई थी. यमुना बेसिन का मप्र में करीब 11,929 वर्ग किलोमीटर का इलाका है, जो कुल बेसिन का 27.11% है. केंद्र की ओर से पांच नदियों खान, मंदाकिनी, सिवनी, शिप्रा और मुरार को स्वच्छ बनाने करीब 700 करोड़ रुपए का फंड मंजूर किया गया है.

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