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एसजीएसआइटीएस में 60 लाख की लागत से आरएफ व माइक्रोवेव लैब
इंदौर न्यूज़: शहर के एसजीएसआइटीएस के वैज्ञानिकों ने बड़ी उपलिब्ध हासिल की है. उन्होंने करीब 60 लाख की लागत से ऐसी प्रयोगशाला तैयार की है, जिसमें इसरो के एंटीना की जांच होगी. यह भी पड़ताल हो सकेगी कि इलेक्ट्रिक व्हीकल (इवी) की गुणवत्ता कैसी है. यहां हुए परीक्षण के बाद कंपनियां इवी को बाजार में बेच सकेंगी. सरकारी मानकों के अनुसार इवी की टेस्टिंग के लिए केंद्र सरकार ने एसजीएसआइटीएस से संपर्क किया था. मालूम हो, यह प्रयोगशाला इस मायने में महत्वपूर्ण है कि इंदौर और इसके आसपास इवी के लिए तेजी से काम हो रहा है. यहां इवी निर्माण के साथ इनकी टेस्टिंग का प्लेटफॉर्म भी तैयार हो सकेगा. स्टार्टअप को इससे बड़ी मदद मिलेगी.
कैबिन में बना नैनो सैटेलाइट: यह प्रयोगशाला इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख अन्वेषक प्रोफेसर एसके जैन द्वारा विकसित किया गया है, जो रिमोट सेंसर और सैटेलाइट टेक्नोलॉजी से लैस है. प्रोफेसर के कैबिन में ही तैयार लैब एक तरह का नैनो सैटेलाइट है. इसके विकास के मुख्य प्रेरक संस्थान के निदेशक प्रोफेसर राकेश सक्सेना और प्रोफेसर एसके सोनी हैं. प्रोफेसर जैन ने बताया कि इस चैंबर में नैनो सैटेलाइट से इसरो के एंटीना के घटकों सहित डीआरडीओ व सभी कंपनियों के एंटीना की टेस्टिंग हो सकेगी. इलेक्ट्रॉनिक वाहनों में लगने वाली मोटर, सेंसर व अन्य पार्ट के लिए ईएमआइ का आकलन कर गुणवत्ता जांची जाएगी. रिसीवर एंटीना बनाकर वेक्टर नेटवर्क एनॉलाइजर की सहायता से इसका प्रदर्शन जांचेंगे.