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इंदौर न्यूज़: सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघ का सिर काटकर ले जाने की घटना के बाद वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) ने देशभर के टाइगर रिजर्व को रेट अलर्ट जारी किया है. इस गिरोह के तार महाराष्ट्र से जुड़े हैं. ब्यूरो के अफसरों को संदेश है कि इसका नेटवर्क देश के अलग-अलग राज्यों में फैला हो सकता है. मध्यप्रदेश के दो टाइगर रिजर्व पेंच और सतपुड़ा तक भी इनके तार जुड़े होने का संदेश है. वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के पत्र के बाद मध्य प्रदेश में वन विभाग का अमला अलर्ट हो गया है.
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्टाफ को टाइगर रिजर्व के साथ ही बाघ मूवमेंट वाले इलाकों में गश्त बढ़ाने के साथ ही अपने मुखबिरों को सक्रिय करने के लिए कहा है. इसमें जंगल से लगे डेरो की तलाशी, जंगल में संदिग्धों के मूवमेंट के साथ ही सक्रियता बढ़ाने को कहा है.
इन टाइगर रिजर्व में गिरोह की सक्रियता: नेशनल वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के एडिशनल डायरेक्टर एचवी गिरिशा ने देश के सभी टाइगर स्टेट के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को लिखे पत्र में कहा कि ब्यूरो को मिले विश्वसनीय इनपुट और हाल में बरामद हुई शिकार संबंधी सामग्री से पता चला है कि सेंट्रल इंडिया में संगठित शिकारी गिरोह सक्रिय है. देश के सतपुड़ा, ताडोबा, पेंच, कार्बेट, अमानगढ़, पीलीभीत, राजाजी, कान्हा टाइगर रिजर्व, गढ़चिरौली, चंद्रपुर जैसे बाघ वाले क्षेत्रों में गिरोह की सक्रियता ज्यादा है. स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स एसटीएसएफ ने दो वर्षों में शिकार के 39 मामलों में 111 शिकारियों को दबोचा. बाघ के शिकार के 10 मामलों में भी एसटीएसएफ ने कार्रवाई की.
हमारी टीमें सक्रिय हो गईं: वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने रेल अलर्ट जारी किया है. गश्त और पेट्रोलिंग के जरिए संदिग्धों पर पहले से ही नजर रखी जा रही थी. अब इसे और सख्त किया जा रहा है. जंगल से लगे घरों, डेरो, गांव में सर्चिंग के साथ ही संदिग्ध लोगों और वाहनों की जांच की जा रही है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघ के शिकार मामले में भी अपराधियों को पकड़ने की कोशिशें जारी है. हमारा प्रयास है कि बाघ का शिकार और अप्राकृतिक मौत ना हो.
जसवीर सिंह चौहान, पीसीसीएफ, वन्यप्राणी