मध्य प्रदेश

उज्जैन में चैत्र नवरात्रि के दशहरे पर आज रावण की हुई पूजा

Tara Tandi
18 April 2024 8:59 AM GMT
उज्जैन में चैत्र नवरात्रि के दशहरे पर आज रावण की हुई पूजा
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उज्जैन : उज्जैन जिले के बड़नगर रोड पर ग्राम चिकली मे चैत्र माह की नवरात्र के बाद दशहरे पर रावण के पूजन की अनोखी परंपरा है। इसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने एकत्रित होकर लंकेश का पूजन किया। गांव वालों का मानना है कि पूजा की यह परंपरा नई नहीं, बल्कि सदियों पुरानी है। कोई नहीं जानता कि रावण का मंदिर कब और किसने बनवाया लेकिन गांव के वरिष्ठजन पूजा-अर्चना करते रहे हैं और इस परंपरा का निर्वहन आज भी जारी है। दशहरे के अवसर पर आसपास के गांव के लोग लंकेश की पूजा अर्चना के लिए मन्नत लेकर पहुंचे।
राजस्थान-गुजरात से भी मुराद लेकर आते हैं लोग
चिकली गांव के वीरेंद्र ने बताया कि हमारे पूर्वज भी रावण की पूजा करते थे। हमने अपने पूर्वजों को रावण की पूजा करते देखा है। आज भी यह परंपरा जारी है। गांव के ही केसर सिंह ने बताया कि एक बार लोग रावण की पूजा करना भूल गए थे, तब गांव में भीषण आग लग गई थी। इससे काफी नुकसान भी हुआ था। इसके बाद हमेशा से दशहरा पर रावण की पूजा का विधान है। दूर-दूर के कई लोग भी मुराद लेकर भी रावण पूजन में भाग लेते हैं। रावण का मंदिर कई साल पुराना था, जिसे दो साल पहले गांव वालों ने पांच लाख रुपये जोड़कर नया स्वरूप दिया है। इस मंदिर में गुजरात, राजस्थान के लोग भी दर्शन के लिए पंहुचते हैं। मुस्लिम समाज की भी भागीदारी रहती है।
दो सौ साल पुराना है दशानन का मंदिर
दो सौ साल पुराने इस मंदिर में लोग मन्नत मांगते हैं, जो पूरी होने पर यहां नारियल चढ़ाने जरूर आते हैं। दशहरे पर्व पर एक ओर जहां जगह-जगह रावण के पुतलों का दहन किया जाता है, वहीं दूसरी ओर बड़नगर तहसील के गांव चिकली में रावण दहन नहीं होता। यहां उनकी पूजा होती है। लोग मन्नत भी मांगते हैं।
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