मध्य प्रदेश

Raisen: डैमों की दुर्दशा पर जल संसाधन विभाग बना बेपरवाह

Gulabi Jagat
27 July 2024 10:35 AM GMT
Raisen: डैमों की दुर्दशा पर जल संसाधन विभाग बना बेपरवाह
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Raisen रायसेन। सरकार चाहे केंद्र की हो या राज्य की पानी को बचाने के लिए इन दिनों कई योजनाएं ला रही है और इसके लिए बड़े-बड़े तालाब और डैम के जीर्णोद्धार से लेकर नए बनवा रही हैं।,तो वही उन डैमों के रखरखाव के लिए भी लाखों रुपए की राशि आवंटित की जाती है।लेकिन रायसेन में जिला जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ज़िला मुख्यालय से महज़ कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित करमोदिया,बनछोड और अमरावद डैम की हालत पर जरा भी तरस नहीं खा रहे । सरकार की पानी बचाने की जो भी योजनाएं है ।उनको पलीता लगा रहे है।हम आपको यह बता दें कि करमोदिया डैम की स्थित दयनीय है ।इस डैम में लगे एकमात्र गेट के हालात देखने के बाद भी ज़िम्मेदार अधिकारी किसी बड़ी अनहोनी होने का इंतजार कर रहे है।



पानी को बचाने संरक्षण के लिए सरकार खेत खलियान योजना से लेकर जल जीवन मिशन जैसी योजनाएं ला रही है। ताकि पानी को सहेजा जा सके ।लेकिन रायसेन में जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सरकारी नियमों और सरकार की योजनाओं पर पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। आपको बता दें कि रायसेन जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर दूर स्थित करमोदिया डैम में एकमात्र गेट है जिसमें बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं तो वह गेट भी टूटने की स्थिति में आ गया है। उसकी छत में भी बड़ा गड्डा हो गया है और डैम का एक मात्र गेट पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।
यहां के डैमों के भी बुरेहाल....
जल संसाधन विभाग रायसेन के तहत अमरावद डैम सागर रोड़ बनछोड डैम परसौरा तालाब डैम के भी बुरेहाल हैं।यहां के भी जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से गेट से पानी का रिसाव लगातार हो रहा है इसे रोकने की कोई ठोस पहल नहीं की जा रही।इतना ही नहीं गेट की मरम्मत तक कराना मुनासिब नहीं समझा। इसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है और वही इस डेम के लीकेज से करोड़ों लीटर पानी प्रतिदिन बह रहा है और बारिश कम होने के बाद डेम खाली होने की स्थिति में पहुचता जा रहा है लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को ना तो डैम की कोई परवाह है ना डेम में लगे हुए एक मात्र गेट की और जल संसाधन विभाग के अधिकारी
कलेक्टर अरविंद दुबे के आदेश के बाद भी इस डेम के गेट में जाली लगवाकर मछली का शिकार करवा रहे है। जबकि कलेक्टर के आदेश के अनुसार डैम में जाली लगाना पूरी तरह प्रतिबंधित है ।लेकिन इस डैम के सब इंजीनियर जितेंद्र पाटीदार की मिलीभगत से खुलेआम मछली का शिकार करवा रहे है और जल संसाधन विभाग करमोदिया डैम में किसी बड़ी अनहोनी का होने का इंतजार कर रहा है।कमोवेश मछली के शिकार का सिलसिला परसौरा, बनछोड और अमरावद डैम।
सरकार द्वारा डैमों के मरम्मत के लिए भी लाखों करोड़ों रुपए की राशि स्वीकृत कर की जाती है ।जिससे डैमों का रखरखाव अच्छे से हो सके ।और पानी को सहेजा जा सके लेकिन रायसेन की जल संसाधन विभाग की जिम्मेदार अधिकारी प्रतिभा सिंह ने गैर जिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा कि इसके लिए कोई बजट नहीं आता है। और टेंडर बुलाए जाते हैं अगर बजट नहीं आता है तो फिर टेंडर क्यों बुलाए जाते है .... यह बड़ा अहम सवाल है? लेकिन जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सब इंजीनियर जितेंद्र पाटीदार इस करमोदिया डैम के गेट की हालत देखकर भी इसको सुधारने का प्रयास नहीं कर रहे हैं और शायद किसी बड़ी अनहोनी होने का इंतजार डैम फूटने जैसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहे हैं और डैम मे बारिश के मौसम में भी चौकीदार भी नहीं रखा गया है। जबकि 1 जून से चौकीदार रखने के आदेश थे ।वहीं ताज्जुब की बात तो यह है कि जिला जल संसाधन विभाग के सभी अधिकारी बारिश के मौसम में भी ज़िला मुख्यालय पर ना रहते हुये भोपाल से अपडाउन करते है।
इनका कहना है....
डैमों के गेट की मरम्मत के लिए अलग से विभाग में कोई बजट नहीं आता।यदि आवश्यकता पड़ती है तो राशि स्वीकृति के लिए पत्र लिखा जाता है।टेण्डर बुलाकर यह रिपेयरिंग वर्क करवा दिया जाता है।इन्डम विभाग इसके लिए जिम्मेदार है।प्रतिभा सिंह ईई जल संसाधन विभाग रायसेन
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