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मध्य प्रदेश
Raisen: शासकीय माध्यमिक शाला की छात्रों को नसीब नही हो रहा दोपहर का भोजन
Gulabi Jagat
23 July 2024 11:09 AM GMT
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Raisen:रायसेन जिले की तहसील सिलवानी के ग्राम पंचायत अमगवां के गांव समनापुर जागीर में शासकीय माध्यमिक शाला की छात्र छात्राओं को नही हो रहा है दोपहर भोजन नसीब ,भूख पेट कैसे पढ़ाई करें विद्यार्थी, पत्रकारों द्वारा स्कूल जाकर बच्चों से बात करना चाहा तो मध्यान्ह भोजन महिला स्व सहायता समूह की महिला सचिव के पति द्वारा पत्रकारों को धमकाया ,छात्र-छात्राओं से बात नहीं करनी दी गई।मनमानी और लापरवाही का आलम यह है कि सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के हालात यह है कि दोपहर बाद हाफ टाइम हो जाने के बावजूद छात्रों को दोपहर भोजन पेट में नहीं पहुंचता।ऐसी स्थिति में गरीब बच्चों का पेट खाली रह जाता है।मजबूरी में पढ़ाई कर दोपहर बाद बच्चे मायूस होकर अपने घर लौट जाते हैं।कुछ इसी तरह के हालात इन दिनों तहसील सिलवानी के प्रतापगढ़ ,समनापुर जागीर, अंमगवाँ मिडिल स्कूलों के बने हुए हैं।
मध्यान्ह भोजन योजना के बने हुए हैं।महिला स्व सहायता समूह सचिव के पति का नाम हरकिशन /हाकम सिंह है।जब मीडिया कर्मियों की टीम इन स्कूलों का निरीक्षण करनेपहुंची तो हाकम सिंह उल्टे बरस पड़े।इतना ही नहीं उन्होंने पत्रकारों को दी जान से मारने की धमकी।
ग्रामीणों में नाराजगी: शिक्षा विभाग से ध्यान देने का अनुरोध,शिक्षकों के अप-डाउन की वजह से समय पर नहीं खुलते स्कूल.....
इनका कहना है.….
तहसील सिलवानी के जंगलों पहाड़ों का सफर तय करने के बाद भी सरकारी प्राइमरी मिडिल स्कूलों में अगर शिक्षक शिक्षिकाएं यदि समय पर नहीं आ रहे हैं तो इस संबंध में हम कार्रवाई करेंगे। इसी के साथ उन्हें अपने मुख्यालय पर रुकने के लिए भी कहेंगे। ताकि इस तरह की समस्या फिर सामने न आ सके। टीके रैकवार डीपीसी रायसेन सिलवानी ब्लॉक में ज्यादातर स्कूल समय पर नहीं खुलते हैं। इससे पढ़ाई व्यवस्था बेपटरी हो रही है। ग्रामीणों में भी नाराजगी है। उनका कहना है कि जब सरकार ने सब सुविधाएं फ्री दे रखीं हैं तो शिक्षक पढ़ाई पर क्यों ध्यान नहीं दे रहे हैं। वहीं ब्लॉक और जिला शिक्षा अधिकारियों से भी इस पर ध्यान देने का अनुरोध किया है। ग्रामीण क्षेत्र के प्राइमरी मिडिल स्कूलों पर पहुंचकर देखा तो ज्यादातर समय पर नहीं खुले थे। जो स्कूल खुले, वहां शिक्षक भी सभी उपस्थित नहीं थे। कोई शिक्षक स्कूल खोलकर अपने काम से चला गया तो एक ही शिक्षक स्कूल संभालते हुए मिले। इन अव्यवस्थाओं के बीच बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हो रही थी।
समय पर स्कूल नहीं खुले....
इन क्षेत्रों के अधिकांश शामाशा प्राथमिक शालाओं आदि गांव में शिक्षक समय पर स्कूल नहीं आते हैं। कोई भी शिक्षक मुख्यालय पर नहीं रुकते हैं। वह रायसेन सिलवानी से अप-डाउन करते हैं। इससे वह समय पर नहीं आते हैं और स्कूल नहीं खुलते हैं।
यह है निर्देश...
जिन गांव, पंचायत या मजरा-टोला में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, उन्हें मुख्यालय पर रहने स्कूल शिक्षा विभाग ने सख्त निर्देश दिए गए हैं।लेकिन शिक्षक हम नहीं सुधरेंगे चाहे अंजाम जो भी हो कि तर्ज पर स्कूलों का बिगड़ा ढर्रा सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।
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Gulabi Jagat
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