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मध्य प्रदेश
Raisen: जमीन का सीना फाड़कर 5 दशक पहले निकले थे शिवलिंग
Gulabi Jagat
8 Aug 2024 10:50 AM GMT
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Raisen/Begumganjरायसेन/बेगमगंज। ऐतिहासिक शिव मंदिर में। जमीन से निकला शिवलिंग है स्थापित, सावन के हर सोमवार को मेले में लगता है शिव भक्तों का ।इसलिए इस भूप्रकटेश्वर शिव मंदिर की ख्याति दूर-दराज तक फैली हुई है। पवित्र श्रावण मास में शिवालय मंदिर पर की गई पूजा का एक विशेष महत्व होता है। इस शिव मंदिर की दूर-दूर तक मान्यता है। आसपास के लगभग 50 गांव के शिव भक्त सावन के माह में एकत्रित होकर कावड़ से जल अभिषेक करते हैं और मन्नत मांगते हैं।ऐसी मान्यता है कि आज तक इस शिव मंदिर में जिसने भी मन्नत मांगी है, भगवान भोलेनाथ के आशीर्वाद कृपा से पूरी हुई है।
सावन के पवित्र माह में भगवान भोलेनाथ की उपासना अलग-अलग तरीके से की जाती है ।इनमें से एक है कावड़ यात्रा इसी क्रम में बिजोरा तुलसीपार मोदकपुर घोगरी शिव भक्तों की टोलियां निकली ।पवित्र जल नर्मदा का लेने के लिए 90 किलोमीटर की पदयात्रा ।कावड़ यात्रा में छोटे बड़े बुजुर्ग सभी कावड़िए शामिल हुए ।लगभग 90 किलोमीटर की पदयात्रा तीन दिन में पूरी की शिवभक्तों की टोली डीजे पर नाचते गाते थिरके ते हुए बम बम भोले के नारे लगाते हुए चल रहे थे। बिजोरा से मोदकपुर से तुलसीपार से घोघरी से कांवड़िए इकट्ठे हुए।करीब 100 कांवड़ियों का जत्था उदयपुरा के बौरास नर्मदा नदी घाट जल लेने के लिए रवाना हुआ। 90 किलोमीटर की पद यात्रा तीन दिन में पूरी करते हैं ।कांवड़िए एक दिन का भोजन घर से ले जाते हैं । फिर दूसरे दिन का भोजन फलाहार किसी मंदिर में किसी स्कूल में किसी पंचायत भवन में जहां पर भी पर्याप्त जगह मिलता है कावड़ियों के लिए। वहां पर रात्रि विश्राम करते हैं और फिर भोजन बनाते हैं मिलजुलकर। तीन दिन की पदयात्रा में कांवड़िए शिवभक्ति में डूबे जय कारे लगाते हुए बोल बम बोल बमहर हर महादेव के नारे लगाते हुए निकलते हैं तो देखने वाले देखते रह जाते हैं। बताते हैं कि बिजोरा में एक साधु को सपना देकर शिवलिंग जमीन का सीना फाड़ कर 50 वर्ष पहले जमीन से निकली हुई है।
इस स्थान पर खेत में शिवलिंग रखा हुआ है। जहां पर कांवड़िए भगवान शिव की भक्ति भाव से जयकारे लगाते हुए भोलेनाथ की पूजन जल अभिषेक करते हैं। नर्मदा नदी के पवित्र जल से इसका कावड यात्रा में दिखाई ।शिव भक्तों की आस्था श्रद्धालुओं में दिखे बच्चे भी ज्यादातर इलाके कबाड़ियों से सड़क गुलजार हो रही थी ।हर जगह 90 किलोमीटर के एरिया में सड़क पर सिर्फ कंधों पर जलकलश से भरे पात्र कांवड़िए ही कांवड़िए नजर आ रहे थे ।आस्था और भक्ति की यह तस्वीर बेहद शानदार थी। हर कांवड़िया अपने कंधों पर रंग बिरंगी सजाकर कावड़ रखे हुए थे। जिसमें दोनों किनारो पर मां नर्मदा का पवित्र जल लेकर चल रहे थे ।इस जल से शिवजी का जल अभिषेक करेंगे ।सावन का पवित्र महीना चल रहा है और शिव भक्तों के लिए यह बहुत विशेष होता है ।सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है।ऐसी मान्यता है कि इस माह में भोलेनाथ अपने भक्तों से जल्द प्रसन्न होते हैं । शिवजी की पूजा अर्चना आराधना से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ।सावन माह में भोलेनाथ के भक्त कावड़ यात्रा करते हैं ।90 किलोमीटर की पदयात्रा में कावड़ जमीन पर नहीं रखते निरंतर चलते रहते हैं ।भोले के भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए।
चार साल से निरंतर जारी है कावड़ यात्रा....
यह कावड़ यात्रा शुरुआत में 25
कांवडियों ने की थी।कारवां बढ़ते बढ़ते आज 100 कांवड़ियों का जत्था हो गया है।
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Gulabi Jagat
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