मध्य प्रदेश

प्रदेश में बढ़ते बर्ड फ्लू के संभावित खतरे के खिलाफ, हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर पढ़िए पूरी खबर

Shiddhant Shriwas
9 Feb 2022 4:17 PM GMT
प्रदेश में बढ़ते बर्ड फ्लू के संभावित खतरे के खिलाफ, हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर पढ़िए पूरी खबर
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फाइल फोटो 

याचिका में कहा गया था कि साल 2006 में फैले बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

जनता से रिस्ता वेबडेसक: प्रदेश में बढ़ते बर्ड फ्लू के संभावित खतरे के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि पूर्व में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बर्ड फ्लू की रोकधाम एडवायजरी कमेटी गठित करने के आदेश दिए थे। एडवायजरी कमेटी की अनुशंसाओं पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस पी के कौरव के कमेटी की अनुशंसाओं पर आवश्यकता अनुसार एक माह में परिपालन सुनिश्चित किया जाए।

याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की जनवरी 2021 में दायर याचिका में कहा गया था कि एशिया में सबसे अधिक चिकन तथा पक्षियों की सप्लाई करने वाले में शहरों में जबलपुर शामिल है। देश के दस प्रदेशों में बर्ड फ्लू फैल गया है। जो मध्य प्रदेश से लगे हुए हैं। जबलपुर में बड़ी संख्या में पोल्टी फार्म हैं तथा रहवासी इलाकों में भी पोल्टी फार्म संचालित हो रहे हैं। प्रदेश के कई शहरों में बर्ड फ्लू फैल चुका है और अन्य शहरों में फैलने का संभावित खतरा बना हुआ है। पूरे महाकौशल क्षेत्र और मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बर्ड फ्लू इंसानों के लिए एक बड़ा खतरा बन हुआ है।

याचिका में कहा गया था कि साल 2006 में फैले बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए कमेटी गठित करने तथा उनके सुझाव पर आश्यकता अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। याचिका में कहा गया था कि कमेटी की रिपोर्ट पर आवश्यकता अनुसार कार्रवाई नहीं की गई।

याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि केन्द्र सरकार के मत्स्य पशुपालन एव डेयरी विभाग द्वारा जारी एडवायजरी के परिपालन के लिए सभी जिला कलेक्टर को निर्देष जारी किए गए हैं। एडवायजरी के अनुसार कलेक्टर की अध्यक्षता में पशुपालन, वन तथा स्वास्थ्य विभाग सहित नगरीय निकाय की एक कमेटी बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोग शाला भोपाल में जांच के लिए सैम्पल भेजने सहित अन्य निर्देश दिशा-निर्देश के परिपालन सुनिश्चित करने भी आदेश जारी किए गए हैं। याचिका पर बुधवार को सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किए हैं। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पैरवी की।

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