मध्य प्रदेश

बाल अधिकारिता मंत्री ने "वात्सल्य (फोस्टर केयर) अभियान" एवं बाल हक ई-बॉक्स की पोस्टर

Tara Tandi
16 Aug 2023 12:28 PM GMT
बाल अधिकारिता मंत्री ने वात्सल्य (फोस्टर केयर) अभियान एवं बाल हक ई-बॉक्स की पोस्टर
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महिला एवं बाल विकास एवं बाल अधिकारिता मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा है कि "वात्सल्य (फोस्टर केयर) अभियान" 0 से लेकर 18 वर्ष तक उम्र वाले बच्चों के लिए पारिवारिक परिवेश में पलने बढ़ने का अवसर है। वही उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को सुरक्षात्मक माहौल प्रदान करने के लिए "बाल हक ई-बॉक्स " आरंभ किया गया। ऐसे बच्चे जो किसी भी प्रकार की हिंसा, अपराध अथवा शोषण के शिकार हो "बाल हक ई-बॉक्स " के माध्यम से क्यू आर कोड स्कैनकर अथवा ईमेल के द्वारा अपनी समस्या प्रेषित कर बाल अधिकारिता विभाग की ओर से त्वरित प्रभाव से राहत पा सकते हैं। इससे बच्चों को घरों में, हॉस्टल में, विद्यालय में समाज में किसी भी स्थान पर सुरक्षात्मक वातावरण उपलब्ध करवाना सरकार का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र का भविष्य राष्ट्र के बच्चों पर निर्भर करता हैl अतः उनका पालन पोषण पारिवारिक परिवेश में होना जरुरी हैl इसके साथ ही बच्चों को किसी भी अपराध अथवा शोषण का शिकार होने से बचाने एवं राहत प्रदान करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
महिला एवं बाल विकास एवं बाल अधिकारिता मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने बुधवार को जयपुर में अपने निवास पर बाल अधिकारिता विभाग की शासन सचिव डॉ. आरुषी मलिक की उपस्थिति में विभागीय नवाचार "वात्सल्य (फोस्टर केयर) अभियान" एवं बाल हक ई-बॉक्स की पोस्टर के विमोचन माध्यम से शुरुआत करते हुए उक्त जानकारी दी।
बाल अधिकारिता शासन सचिव डॉ. आरुषी मलिक ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों को रिश्तों की समझ, स्नेह, अपनत्व सही गलत का ज्ञान, परिवार और समाज का महत्व यह सब परिवार की पाठशाला में ही मिलता है। इसी क्रम में पारिवारिक देखरेख से वंचित एवं बाल देखरेख संस्थानों में वासित बच्चों को पारिवारिक देखरेख एवं परिवार का स्नेह एवं दुलार प्रदान करने हेतु राज्य सरकार द्वारा बाल अधिकारिता विभाग के माध्यम से "वात्सल्य (फोस्टर केयर) योजना" का संचालन किया जा रहा है।
योजना अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा 4000 /- रुपए प्रति माह प्रति बालक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान किया गया है। वर्तमान में योजना अंतर्गत वर्तमान में 51 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है।
श्रीमती मलिक ने बताया कि पूर्व में अन्य राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, गुजरात राज्य द्वारा भी राजस्थान सरकार की फोस्टर केयर योजना का अवलोकन किया गया व कार्यक्रम को सराहा गया है। इसी वर्ष अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर श्रीलंका के बाल कल्याण विभाग द्वारा भी राज्य के उदयपुर जिले में भ्रमण किया गया बच्चों से मिलकर योजना को प्रशंसनीय बताया।
उन्होंने बताया कि योजना अंतर्गत कोई इच्छुक दंपत्ति अथवा परिवार किसी देखरेख संस्थान से किसी बच्चों को पारिवारिक देखरेख एवं स्नेह प्रदान करने हेतु एक निश्चित अवधि हेतु फोस्टर केयर में ले सकता है। फोस्टर केयर को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा वात्सल्य अभियान संचालित किया जाएगा। इस अभियान से जुड़ने के लिए आवेदनकर्ताओं की सुविधा हेतु एक क्यू आर कोड तैयार किया गया है एवं लिंक बाल अधिकारिता विभाग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध करवाया गया है, ताकि कोई भी भावी पोशक माता पिता बिना किसी परेशानी के सरल प्रक्रिया के तहत आवेदन कर सकें।
शासन सचिव ने बताया कि बच्चों के प्रति समाज को संवेदनशील बनाने, जागरूकता लाने तथा बच्चों के प्रति बढ़ते हुए अपराधों को रोकने की दिशा में राज्य सरकार हमेशा सजग रही है। बच्चों के प्रति हो रहे अपराध व शोषण की रोकथाम के लिए "किशोर न्याय ( बालकों की देखरेख और संरक्षण ) अधिनियम 2015" एवं " लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 " लागू है, जिसके तहत राज्य में बाल अधिकारिता विभाग, किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समितियां विशेष किशोर पुलिस इकाइयां कार्य कर रही हैं।
शासन सचिव ने बताया कि बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने एवं आमजन में जागरूकता लाने और बच्चों के विरुद्ध अपराध कार्य करने वालों में डर पैदा करना एवं सरकार तक बच्चों की पहुंच को सहज बनाना अत्यंत आवश्यक है।
इसी उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा ऐसे बच्चों जो किसी मुसीबत में फंसे हो अथवा जिनके के विरुद्ध कोई हिंसा अथवा किसी प्रकार का कोई भी अपराध कारित किया गया है की शिकायत एवं अन्य किसी व्यक्ति द्वारा बच्चों को सहायता प्रदान करने हेतु विभाग द्वारा नवाचार की रूप में* "बाल हक ई-बॉक्स"* स्थापित किया जा रहे हैं। "बाल हक ई-बॉक्स" के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अथवा बच्चा अपनी शिकायत ई-मेल [email protected] से विभाग को प्रेषित कर सकता है जिस पर बाल अधिकारिता विभाग द्वारा पुलिस, जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाइल्डलाइन 1098 के माध्यम से समुचित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
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