मध्य प्रदेश

पुलिस ने निकाला गुंडों का जुलूस...लड़खड़ाते और डरे-सहमे दिखे गैंगस्टर...क्या है पूरा मामला?

jantaserishta.com
28 July 2021 12:29 PM GMT
पुलिस ने निकाला गुंडों का जुलूस...लड़खड़ाते और डरे-सहमे दिखे गैंगस्टर...क्या है पूरा मामला?
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जिस कॉलोनी में सीना ताड़कर 'गुंडे' खड़े होते थे, मंगलवार देर रात पुलिस ने वहीं पर उनकी परेड कराई.

इंदौर की जिस कॉलोनी में सीना ताड़कर 'गुंडे' खड़े होते थे, मंगलवार देर रात पुलिस ने वहीं पर उनकी परेड कराई. लड़खड़ाते हुए डरे-सहमे 'गुंडे' करीब एक किलोमीटर तक पैदल चले. इन बदमाशों को देखने के लिए सड़क पर मजमा लग गया. इनके हाथ व पैरों में पट्टी बंधे थे और एक-दूसरे को सहारा देकर चल रहे थे.

दरअसल, विजय नगर पुलिस ने मंगलवार शाम गैंगस्टर सतीश भाऊ, चिंटू ठाकुर, शूटर रितेश करोसिया और मोनू उर्फ सुजीत का महालक्ष्मी नगर में पैदल जुलूस निकाला. भाऊ को उसके महालक्ष्मी नगर स्थित फ्लैट में ले जाकर तलाशी ली गई. इस दौरान पुलिस ने एक पिस्टल बरामद की.
वहीं भाऊ के घर से अयोध्यापुरी कॉलोनी के कुछ प्लॉट धारकों की रसीदें भी मिलीं, लेकिन जब पुलिस ने संबंधित नंबर और संस्था के रिकॉर्ड से जांच की तो असली रसीदें मालिकों के पास ही मिलीं. गैंगस्टर भाऊ के तीन मोबाइल नंबर एसआईटी को मिले हैं. पता लगाया जा रहा है कि वह किस-किस के संपर्क में रहा और फरारी में कौन-कौन उसकी मदद कर रहा था.
पुलिस गैंगस्टर सतीश भाऊ के बैंक खाते की जानकारी भी ले रही है. इसने अपने साले बाबू के नाम पर काफी अवैध संपत्ति ले रखी है. भाऊ को महालक्ष्मीनगर ले जाने के बाद सूजीत को सूरज नगर, प्रमोद को राम नगर और रितेश को बंगाली चौराहा ले जाया था. पुलिस का कहना है कि इनके घरों से हथियारों की जब्ती करनी थी.
विजय नगर थाना टीआइ तहजीब काजी का कहना है कि पुलिस इनके घरों से हथियार जब्ती करना चाहती थी, शाम करीब साढ़े छह बजे पांचों आरोपियों को उनके घर ले गए, सबसे पहले भाऊ को महालक्ष्मी नगर ले गए, लेकिन रास्ते में गाड़ी खराब होने से पैदल ही ले जाना पड़ा. भाऊ और रितेश के हाथ में पट्टा बंधा था.
19 जुलाई की दोपहर साढ़े 3 बजे इंदौर के विजयनगर थाना क्षेत्र में शराब सिंडिकेट दफ्तर में फायरिंग हुई थी. शराब कारोबारी अर्जुन ठाकुर को गोली लगी थी. विवाद का कारण गांधी नगर का अहाता और शराब दुकान था. पुलिस ने गोलीकांड के मुख्य आरोपियों सतीश भाउ, चिंटू ठाकुर और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया था.
गोलीकांड का मामला इतना तूल पकड़ लिया था कि स्वयं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को पूरे मामले की मॉनिटरिंग करना पड़ी. गोलीकांड से शहर में गैंगवार की आशंका और दहशत का माहौल बन गया था.


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