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मध्य प्रदेश
6 महीने पहले हुए शराब सेल्समैन के अंधे कत्ल का पुलिस ने किया खुलासा, सभी रह गए सन्न
jantaserishta.com
30 Oct 2021 11:49 AM GMT
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पुलिस इसी कड़ी से आगे बढ़ी तो हत्या का राज खुल गया.
श्योपुर: मध्य प्रदेश के श्योपुर में 6 माह पहले हुए सनसनीखेज शराब ठेके के सेल्समैन के अंधे कत्ल का पर्दाफाश करने में पुलिस को सफलता मिली है. लॉकडाउन में फ्री में शराब नहीं देने पर पांच आरोपितों ने सेल्समैन की चाकू घोंपकर हत्या की थी. हत्या के बाद जब आरोपित नहीं पकड़े गए तो उन्होंने 7 दिन बाद बस स्टैंड पर खड़ी 3 बसों में आग लगाकर एक बस पर 302 और बुलेट गैंग लिखकर पर्चा चिपकाया था. पुलिस इसी कड़ी से आगे बढ़ी तो हत्या का राज खुल गया.
एसपी अनुराग सुजानिया ने बताया कि अंधे कत्ल का खुलासा करने के लिए जारी जांच के दौरान जब पुलिस ने पिछले 7 महीने की घटनाओं पर नजर डाली तो 20 मई 2021 को बस स्टैंड पर 3 बसों में आग लगाई गई थी. आरोपितों ने एक बस पर बुलेट गैंग और 302 का पर्चा चिपका दिया था. हालांकि मामले में कोतवाली पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
बावजूद इसके इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए साइबर सेल आदि की मदद से आरोपितों की पिछले एक महीने की कॉल डिटेल जुटाई गई. कोतवाली पुलिस ने सबसे पहले बुलेट गैंग के सदस्य 20 वर्षीय अली पुत्र कल्लू खान निवासी मठेपुरा को बुलाकर सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया और अली ने बताया कि 13 मई की शाम वह अपने दोस्त 21 वर्षीय कुबेर उर्फ कबीर पुत्र सुशील सोनी, 20 वर्षीय शानू पुत्र धर्मेंद्र दौहरे, 22 वर्षीय सादिक पुत्र इलियास खान और एक अन्य नाबालिग के साथ जमा हुए.
अली ने आगे बताया कि हम लोगों को शराब पीनी थी लेकिन लॉकडाउन के चलते सभी दुकानें बंद थी. तभी सादिक ने बताया कि खातोली रोड पर स्थित शराब की दुकान के पास एक जगह शराब बिक रही है. 2 बाइक पर हम पांचों दोस्त खातोली रोड पर पहुंचे और संतोष शिवहरे से शराब ली. जब सेल्समैन ने शराब के रुपये मांगे तो हम सभी को गुस्सा आ गया और सादिक ने चाकू निकालकर ताबड़तोड़ सेल्समैन संतोष शिवहरे के पेट में वार कर दिए. जब वह जमीन पर गिर गया तो हम लोग वहां से भाग आए.
एसपी सुजानिया का कहना है कि पुलिस ने कुबेर, अली और शानू को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन मास्टर माइंड सादिक खान अभी फरार चल रहा है. पूछताछ में आरोपितों ने यह भी बताया कि उन्हें क्राइम कर जल्द दौलत और शोहरत कमाना था. हत्या के 6 दिन तक जब पुलिस उन्हें नहीं पकड़ पाई तो उनकी हिम्मत बढ़ी और 20 मई को बस स्टैंड पर खड़ी तीन बसों में आग लगाकर पर्चे पर बुलेट गैंग और 302 लिखकर पुलिस को चुनौती दी. 22 मई को कांग्रेस नेत्री लक्ष्मी शिवहरे को फोन पर धमकी दी लेकिन बस स्टैंड पर लगे सीसीटीवी फुटेज में उनका चेहरा आने से वह पकड़े गए थे.
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