मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटाला मामले में पुलिस निरीक्षक बर्खास्त, मांगी थी इतने लाख की रिश्वत

Ritisha Jaiswal
29 May 2024 8:28 AM GMT
मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटाला मामले में पुलिस निरीक्षक बर्खास्त, मांगी थी इतने लाख की रिश्वत
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मध्य प्रदेश पुलिस ने कथित नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की सहायता करने के दौरान दो लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए एक निरीक्षक की सेवाएं मंगलवार को समाप्त कर दीं। एक अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश पुलिस के अपराध अनुसंधान विभाग के निरीक्षक सुशील मजोका को नर्सिंग कॉलेजों में कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के साथ काम करने के लिए तैनात किया गया था।
अधिकारी ने बताया कि CBI नई दिल्ली के एक पत्र के अनुसार मजोका ने दो लाख रुपए की रिश्वत मांगी और उसे प्राप्त किया।
उन्होंने बताया कि मजोका को भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है और गिरफ्तारी के बाद मजोका की सेवाएं मध्य प्रदेश पुलिस को वापस कर दी गईं। उन्होंने बताया कि मजोका के खिलाफ दर्ज मामले की जानकारी मिलने के बाद अपराध अनुसंधान विभाग के महानिरीक्षक अनुराग शर्मा ने मंगलवार को मजोका को पुलिस की छवि खराब करने और उच्च नैतिक मूल्यों को बनाए रखने में विफल रहने के कारण सेवा से बर्खास्त कर दिया। उन्होंने बताया कि मजोका को संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत बर्खास्त किया गया है जो सरकारी कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त करने की अनुमति देता है। पिछले हफ्ते की शुरुआत में, CBI ने अपने निरीक्षक राहुल राज की सेवाओं को समाप्त कर दिया था। एजेंसी ने राहुल राज को मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग के अध्यक्ष अनिल भास्करन और उनकी पत्नी सुमा अनिल से कथित तौर पर 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। दंपति को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। CBI की आंतरिक सतर्कता इकाई से जानकारी मिली कि उसके अधिकारी मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर राज्यव्यापी निरीक्षण करने के लिए गठित टीमों में हो रहे कथित भ्रष्टाचार में शामिल हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने कथित नर्सिंग कॉलेज घोटाले की CBI जांच के सिलसिले में उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार 31 जिलों में 66 नर्सिंग कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है।
उधर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज के मापदंडों की पूर्ति में अनफिट पाए गए कॉलेजों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 31 जिलों के 66 नर्सिंग कॉलेज को अनफिट पाया गया है। अनफिट कालेजों की मान्यता निरस्त की गयी है। डॉ यादव ने यह भी निर्देश दिए हैं कि नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी प्रभावित नहीं हो और परीक्षा दे सकें ऐसी व्यवस्था की जाए। इंदौर सहित कई ज़िलों में अनफिट पाए गए नर्सिंग कॉलेज में कार्रवाई कर उन्हें बंद किया गया है। उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 31 ज़िलों के 66 नर्सिंग कॉलेज को अनफिट पाया गया है। अनफिट कालेजों की मान्यता निरस्त की गई है। प्रदेश के बैतूल ज़िले के 8, भोपाल के 6, इंदौर के 5, छतरपुर, धार और सीहोर के 4, नर्मदापुरम के 3, भिंड, छिन्दवाड़ा, जबलपुर, झाबुआ, मण्डला, रीवा, सिवनी और शहडोल के 2, अलीराजपुर, अनूपपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, देवास, ग्वालियर, खंडवा, खरगोन, मुरैना, पन्ना, सागर, टीकमगढ़, उज्जैन, उमरिया, विदिशा और श्योपुर ज़िले के 1 नर्सिंग कॉलेज अनफिट पाए गए हैं।
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