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
पहले खेल विभाग की ओर से हर साल कैश अवॉर्ड के लिए खिलाड़ियों से आवेदन मांगे जाते थे। इसके खिलाड़ी को मजिस्ट्रेट हस्ताक्षरित शपथ पत्र, फेडरेशन का सर्टिफिकेट समेत खुद के संबंधित कई दस्तावेज देने होते थे। पहले को इनको पूरा करने में ही खिलाड़ी का काफी समय लग जाता था।
हरियाणा में अब खिलाड़ियों को कैश अवॉर्ड की राशि पाने के लिए आवेदन फार्म भरने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। खेल विभाग कैश अवॉर्ड प्रक्रिया में बदलाव करने जा रहा है। भविष्य में खिलाड़ियों को कार्यालय में आकर आवेदन फार्म जमा कराने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही तय समय पर खिलाड़ियों की राशि खातों में जमा कराई जाएगी। खेल विभाग ने इसके लिए खेल फेडरेशनों को भी अवगत करा दिया है। खेल विभाग के इस फैसले से हरियाणा के हजारों खिलाड़ियों को राहत मिलेगी।
कैश अवॉर्ड लेने में खिलाड़ियों के सामने आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए यह फैसला लिया गया है। पहले खिलाड़ियों को मेडल जीतने के बाद शपथ पत्र समेत एक फार्म भरना पड़ता था। इसके बाद विभाग उसकी जांच करके ही अवॉर्ड राशि जारी करता था। विभाग का मानना है कि सभी खिलाड़ियों का पूरा डाटा विभाग के पास पहले से ही मौजूद है। दूसरा, जब भी कोई खिलाड़ी बाहर खेलने जाता है तो उसकी सूचना भी विभाग के पास होती है और मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों की सूची भी विभाग के पास आती है। इसलिए अब जब भी कोई खिलाड़ी नेशनल व इंटरनेशनल स्तर पर मेडल जीतता है तो उसको कहीं पर भी भागदौड़ करने की जरूरत नहीं होगी।
खेल विभाग फेडरेशन की तरफ से आई सूची के आधार पर खुद ही कैश अवॉर्ड के लिए यह प्रक्रिया शुरू करेगा और तय समय में ही खिलाड़ी को राशि जारी कर दी जाएगी। गौर हो कि हरियाणा सरकार हर साल नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को कैश अवार्ड देती है। गोल्ड मेडल के लिए तीन लाख, सिल्वर के लिए 2 और ब्रांज मेडल पर एक लाख रुपये की राशि देती है। इसी प्रकार, राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में भी मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को राशि दी जाती है।
लंबी प्रक्रिया के चलते बजरंग पूनिया ने नहीं किया था आवेदन
पहले खेल विभाग की ओर से हर साल कैश अवॉर्ड के लिए खिलाड़ियों से आवेदन मांगे जाते थे। इसके खिलाड़ी को मजिस्ट्रेट हस्ताक्षरित शपथ पत्र, फेडरेशन का सर्टिफिकेट समेत खुद के संबंधित कई दस्तावेज देने होते थे। पहले को इनको पूरा करने में ही खिलाड़ी का काफी समय लग जाता था। बाद में जिला खेल विभाग की ओर से मसौदा तैयार करके मुख्यालय भेजा जाता था और मुख्यालय इस पर फैसला लेता था। इस पूरी प्रक्रिया में कई कई माह लग जाते थे। इसी लंबी प्रक्रिया के चलते ओलंपियन खिलाड़ी बजरंग पूनिया ने कैश अवॉर्ड के लिए आवेदन ही नहीं किया था। खेल विभाग के निदेशक पंकज नैन ने जब पूनिया से बात की तो उन्होंने बताया कि आवेदन करने के बाद भी काफी तय राशि नहीं मिलती थी, इसलिए आवेदन नहीं किया। इसके बाद मुख्यालय ने इस प्रक्रिया में बदलाव का फैसला लिया।
कैश अवॉर्ड के लिए भविष्य में खिलाड़ियों को फार्म भरने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि सारी जानकारी खेल विभाग के पास पहले से ही होती है। इस प्रक्रिया में खिलाड़ियों का अधिक समय खराब होता था और उनकी प्रैक्टिस तक प्रभावित होती थी। खिलाड़ियों की सुविधा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। सभी फेरडरेशन को भी इस बारे में अवगत कराया गया है, ताकि वह वेरिफाई करके खिलाड़ी का नाम विभाग के पास भेजें। - पंकज नैन, खेल निदेशक, हरियाणा।