मध्य प्रदेश

सड़क किनारे तेंदुआ दिखाई देने के बाद सैलवाड़ा सहित अन्य गांव के लोग दहशत में

Tara Tandi
17 March 2024 8:09 AM GMT
सड़क किनारे तेंदुआ दिखाई देने के बाद सैलवाड़ा सहित अन्य गांव के लोग दहशत में
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दमोह : तेंदूखेड़ा में तेंदुए की दहशत से आमजन डरे हुए हैं। इसलिए वो अब बाइक छोड़कर बस और कार में सफर कर रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं बाइक से निकलते समय तेंदुआ हमला न कर दे। दूसरी ओर जंगली जानवरों से लोगों की सुरक्षा करने वाले वनकर्मियों की शासकीय चौकियों और आवासों पर ताला डला है। वह मुनादी पीटने के बाद अब निजी आवास में रहने जा रहे हैं, जिससे ग्रामीण दहशत में हैं कि यदि अचानक से तेंदुआ आ गया तो तत्काल में वन विभाग को कैसे सूचना देंगे।
पुलिया पर दिखने के बाद गायब हुआ तेंदुआ
बुधवार की रात को जो तेंदुआ तेंदूखेड़ा-जबलपुर मार्ग पर पुलिया पर बैठा मिला था, वह कहां चला गया, इसकी किसी को जानकारी नहीं है। सहजपुर, सैलवाडा, 27 मील, पंडा बाबा के यहां रहने वाले लोग काफी चिंतित हैं, क्योंकि सहजपुर और सैलवाडा के अधिकांश लोग मुख्य मार्ग पहुंचने के लिए जंगली क्षेत्र से होकर गुजरते हैं, लेकिन अब तेंदुआ दिखने के बाद उन्होंने आवागमन बंद कर दिया है।
चौकी का टूट गया ताला
यदि बात सैलवाडा सेक्टर की करे तो यहां पर कोई ऐसा वनकर्मी नहीं है जो रात्रि में अपने मुख्यालय पर रुकता हो। जबकि सभी के लिए विभाग द्वारा लाखों की लागत से हर वीट में चौकी बनाई गई है, लेकिन चौकियों में हमेशा ताला लगा रहता है। सैलवाडा में वन विभाग के दो क्वॉटर बने हैं, जिनमें एक डिप्टी रेंजर का है, जबकि दूसरा वीटगार्ड का है। इनमें एक चौकी का ताला कई दिनों से टूटा हुआ है, जिसकी जानकारी ग्रामीणों ने संबंधित वीटगार्ड और डिप्टी रेंजर की दी थी, लेकिन आज तक उस चौकी में कोई नहीं पहुंचा न किसी ने इस बात की जानकारी लेने का प्रयास किया।
भवन होने लगे खंडर
तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र की अधिकांश वीट में चोकियों का निर्माण कराया गया है। जिनमें हर सुविधा उपलब्ध है। उसके बाद भी इन चोकियों में कोई भी नहीं रुकता। जबकि एक-एक वीट में वीटगार्ड के साथ दो से तीन सुरक्षा श्रमिक लगे हुये हैं, जो केवल उसी समय दिखते है जब कोई बड़े अधिकारी का भ्रमण क्षेत्र में होता है। इधर, सुनील कुमार ने बताया कि तेंदुआ काफी समय से क्षेत्र में है, लेकिन अधिकारी विश्वास नहीं कर रहे थे। वनकर्मियों को जानकारी थी, लेकिन वह पुष्टि नहीं कर रहे थे। क्योंकि यदि ऐसा करते तो उन्हें मुख्यालय पर रहना पड़ता। इसलिये वह हमेशा अनदेखी करते रहे, लेकिन अब तेंदुआ दिख जाने के बाद लोग अकेले जाने में भय खा रहे हैं।
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