मध्य प्रदेश

ओपीडी में 30% तक बढ़े सर्दी-खांसी के मरीज, हर उम्र के लोग हो रहे शिकार

Admin Delhi 1
2 Dec 2022 9:14 AM GMT
ओपीडी में 30% तक बढ़े सर्दी-खांसी के मरीज, हर उम्र के लोग हो रहे शिकार
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इंदौर: शहर में बीते एक सप्ताह में अचानक से ओपीडी में मौसमी बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गई है. शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या 30 फीसदी तक बढ़ी है. इनमें बच्चों के साथ बढ़ों को भी बुखार, उल्टी, दस्त, फीवर, सिरदर्द और पेट दर्द की शिकायत है. कुछ में निमोनिया जैसे लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं, लेकिन निमोनिया नहीं है. अच्छी बात यह है कि 90 फीसदी मरीज ओपीडी से ही ठीक होकर लौट रहे हैं.

डॉक्टरों के मुताबिक, अचानक ठंड बढ़ने के कारण बच्चे और बुजुर्गों के साथ हर उम्र के लोग बीमार हो रहे हैं. जितने भी केस आए हैं, उनमें ज्यादातर ऐसे थे, जिन्होंने ठंड से बचने की तैयारी नहीं की थी. ऐसे में अचानक आई सर्दी ने चपेट में ले लिया. खास बात यह है कि इन अस्पतालों में दो हफ्ते में बच्चों के साथ बड़ी उम्र के लोग भी वायरल की शिकायत लेकर पहुंचे. चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में रोज औसतन 45 से अधिक बच्चे ओपीडी में आए. जबकि, एक सप्ताह पहले यह संख्या 35 थी. इसी तरह एमवायएच के मेडिसिन विभाग में एक हफ्ते पहले तक हर दिन 70 ओपीडी आती थी, लेकिन एक सप्ताह से यह बढ़कर 90 से अधिक हो गई है.डॉक्टरों की सलाह है कि वायरल, सर्दी, खांसी, बुखार या वायरल से संक्रमित मरीज खुद को दो से तीन दिन तक आइसोलेशन में रखें. यदि बाहर निकलें तो मास्क का उपयोग करें, ताकि अन्य में वायरल संक्रमण न फेले.

हर उम्र के लोग हो रहे वायरल से संक्रमित: मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वीपी पांडे ने बताया, इन दिनों ओपीडी में सर्दी-खांसी, छींक और शरीर में हल्के दर्द से पीड़ित मरीजों संख्या बढ़ी है. आमतौर पर इस समय तापमान में हो रहे बदलाव की वजह से इस तरह की बीमारियां होती हैं. तापमान में बदलाव लगभग सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर रहा है.

टीबी के मरीज ज्यादा हो रहे भर्ती: एमजीएम मेडिकल कॉलेज के चेस्ट एंड टीबी विभागाध्यक्ष डॉ. सलिल भार्गव ने बताया, एमआरटीबी अस्पताल में ओपीडी में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है. ज्यादातर मरीज श्वसन तंत्र में संक्रमण की शिकायत लेकर आ रहे हैं. हालांकि, इस दौरान टीबी से पीड़ित भर्ती मरीजों की संख्या बढ़ी है. टीबी रोगियों के मामले में भर्ती मरीजों की संख्या 20-30 से बढ़कर लगभग 30 से 50 हो गई है

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