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मरीज को मिलते हैं 5 मिनट पर्चा बनवाने, दवा लेने में 4 घंटे
भोपाल न्यूज़: शहर के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ है. लंबे इंतजार के बाद वे चिकित्सक तक पहुंच पाते हैं. चिकित्सक को पूरी बात बताएं इसके पहले डॉक्टर दूसरे मरीज को बुला लेते हैं. मरीजों की शिकायत है चिकित्सक उन्हें ठीक से देखते नहीं. पांच मिनट में उन्हें क्या बताएं. कुछ मरीजों ने चिकित्सकों के चिड़चिड़ व्यवहार की भी शिकायत की. मरीजों का कहना है कि यदि कोई जांच लिख दी तो उसी दिन दोबारा डॉक्टर को दिखाना असंभव है. अस्पतालों का जायजा लिया. बीमारी की गंभीरता के आधार पर हो डिवाइडेशन: एम्स व हमीदिया अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बीमारी की गंभीरता के आधार पर मरीजों को अलग-अलग अस्पतालों में डिवाइड करना चाहिए. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और स्वास्थ्य केंद्र में भी सुधार हो.
एम्स: भूलभुलैया में पांच घंटे बाद आया नंबर
एम्स में भाई के इलाज के लिए आए सलीम खान ने बताया पंजीयन में लंबी लाइन के बाद शाम चार बजे नंबर आया. ओपीडी में डॉ. किसले श्रीवास्तव ने देखा. दवाइयां और कुछ जांच लिखी. रिपोर्ट के साथ अगली ओपीडी में आने को कहा. अस्पताल में एक जगह से दूसरी जगह जाने में ही पांच घंटे बर्बाद हो गए.
मरीज आकाश सिंह गले और सीने में दर्द होने पर सुबह करीब 10.30 बजे पर्चा बनवाने लाईन में लगे. 20 मिनट में पर्चा बना. मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव को दिखाने गए. वहां पहले से ही 20 मरीज लाइन में थे. एक घंटे में नंबर आया. चेस्ट पेन की समस्या पर इसीजी जांच को कहा गया. 12 बजे इसीजी कक्ष पहुंचे. 20 मिनट का समय लगा. करीब 12.30 बजे दोबारा डॉक्टर के कक्ष में गए. एक घंटे बाद दवा मिली. इस तरह चार घंटे बाद इलाज मिला.
मौसम में बदलाव की वजह से सीजनल बीमारी बढ़ी है. इसलिए अधिक मरीज अस्पताल में पहुंच रहे हैं. यही वजह है भीड़ अधिक है. डॉक्टर ओपीडी में अधिक समय तक बैठकर मरीजों को देख रहे हैं.
डॉ.राकेश श्रीवास्तव, अधीक्षक, जेपी अस्पताल
रिक्त पदों को भरने का प्रयास जारी है. लोक सेवा आयोग जल्द ही विशेषज्ञों के पदों पर भर्ती करेगा. तब समस्याएं दूर हो जाएंगी.
डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ, भोपाल