मध्य प्रदेश

रक्तदान करना जुनून, हर वक्त रहते हैं तैयार

Admin Delhi 1
4 Oct 2023 7:12 AM GMT
रक्तदान करना जुनून, हर वक्त रहते हैं तैयार
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परिवार को मनाकर किया डोनेट

भोपाल: एमवाय अस्पताल में पूरे प्रदेश के लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं. यहां की ब्लड बैंक से करीब 30 संस्थाए जुड़ी हुई हैं. ये कैंप भी लगाती रहती हैं. साथ ही कई स्वेच्छिक रक्तदाना भी यहां रक्तदान करते हैं. ये वॉलंटियर डोनेटर हर महीने ढाई हजार से तीन हजार यूनिट ब्लड डोनेट कर देते हैं. यहां 150 से 200 यूनिट ब्लड की जरूरत हर दिन पड़ती है. अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ ही अन्य सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को भी जरूरत पडऩे पर यहां से ब्लड भिजवाया जाता है. इसके अलावा ब्ल्ड बैंक की दो बसें भी संचालित हो रही हैं, जो आसपास के गांवों में जाकर ब्ल्ड एकत्र कर रही हैं.

कमलेश मालवीय पिछले तीन सालों से रक्तदान कर रहे हैं. इस बीच कई ऐसे मौके आए, जब ब्लड की जरूरत लगी और वे शहर में नहीं थे, लेकिन इसके लिए वह आए और ब्लड डोनेट किया. कमलेश कुछ किस्से शेयर करते हुए बताते हैं, कोरोना के समय थैलेसिमिया के एक बच्चे को खून की जरूरत थी. तब बीमारी के डर से परिजनों ने रोका लेकिन वे नहीं माने. पहले परिवार को राजी किया और फिर लॉकडाउन के बीच पुलिस से अनुमति लेते-लेते हॉस्प्टिल पहुंचं. इसी तरह एक बार मानपुर और एक बार उज्जैन में होते हुए जब उन्हें ब्लड की जरूरत का पता लागा तो वहां से आकर रक्तदान किया.

रक्त एक ऐसा दान है, जिसका कोई मोल नहीं है. रक्तदाता दूसरों के जीवन के दीप जलाता है, रक्तदान प्राणी पूजा है और आशा है. यह अनमोल दान जरूरत पूरी नहीं करता बल्कि जिंदगी देता है. इसके प्रति लोग जागरूक हो रहे हैं और स्वैच्छिक रक्तदान कर रहे हैं.

कई लोग ऐसे हैं, जिनके लिए रक्तदान इतना जरूरी है कि इसके लिए वे न तो समय देखते है, न अपना काम. विपरित परिस्थितियों में भी ये हौंसला नहीं खोते और कोई न कोई रास्ता निकालकर जरूरतमंद तक पहुंच ही जाते हैं. 1 अक्टूबर को स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर शहर के कुछ ऐसे ही रक्तदाताओं के बारे में आपको बता रहा है, जिन्होंने रक्त की जरूरत पड़ने पर कभी समय और परिस्थिति नहीं देखी.

शहर के अर्णव वाघमारे बीटेक थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं. पिछले साल जन्मदिन पह उन्होंने पहली बार ब्लड डोनेट किया था. इसके बाद उन्होंने कई बार ब्लड डोनेट किया. उनके माबाइल पर जब भी मैसेज आया कि उनका ब्लड किसी जरूरतमंद मरीज के काम आया है, इससे उन्हें बहुत खुशी हुई. वह बताते हैं कि जून में उनके मिड सेम टेस्ट चल रहे थे. इस दौरान इमरजेंसी ब्लड की जरूरत पड़ी तो वह अपना टेस्ट जल्दी खत्म कर सीधे हॉस्पिटल पहुंचे.

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